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मोतिहारी
श्रीराम और श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाने की जरूरत : आचार्य मधुमंगल
By Deshwani | Publish Date: 22/2/2018 7:06:04 PM
श्रीराम और श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाने की जरूरत : आचार्य मधुमंगल

-श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

पीपराकोठी। माला सिन्हा


आज समाज में ईर्ष्या, द्वेष, काम, क्रोध,लोभ आदि ने इस प्रकार जड़ जमा लिया है कि हर तरफ अत्याचार व अनाचार का माहौल बन गया है. मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं बढ़कर विचारों पर इस प्रकार पर्दा डाल दिया है कि रिश्तों का महत्व समाप्त हो चुका है. हमारा अपने माता- पिता के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए, भाई, बहन, गुरुजन के साथ कैसा होना चाहिए तथा उनके प्रति हमारा क्या दायित्व हो, इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को समाज भूल चुका है. इसका परिणाम हमारे सामने है, धरती के प्रथम देवता कहे जाने वाले, अपना सारा जीवन अपने बच्चों पर लुटा देने वाले अधिकांश माता-पिता दो वक्त की रोटी के लिए तरसते हैं. थोड़ी सी जमीन के लिए अपने भाई की हत्या कर रहे हैं, शिष्य गुरु का अपमान कर रहे हैं, छोटे बच्चे नशे व डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि आज समाज के लोग श्रीराम व कृष्ण के आदर्शों त्याग दिया है. उक्त बातें बेलवतिया, किशुनपुर देवी स्थान पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन अपने प्रवचन के दौरान श्रीधाम, वृन्दावन से आये आचार्य मधुमंगल जी महाराज ने कही. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में लोग अपने बच्चे को महज अर्थोपार्जन के लिये कामचलाऊ शिक्षा दे रहे हैं. लोगों को वास्तव में उचित संस्कार देने की आवश्यकता है. वास्तव में सुख और शांति के लिए श्रीराम और श्रीकृष्ण के आदर्शों को सीखने की जरूरत है. उन्होंने मौजूद सभी लोगों से श्रीराम व श्रीकृष्ण के आदर्श को अपनाने के साथ लोगों को इसके प्रति प्रेरित करने की बात कही. कार्यक्रम का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ. मौके पर रामबाबू सिंह, राजकुमार सिंह, सहित कई लोग मौजूद थे.

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