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स्ट्रीट सिंगर की आपबीती है ’अनारकली ऑफ आरा’: अविनाश दास
By Deshwani | Publish Date: 7/3/2017 4:01:38 PM
स्ट्रीट सिंगर की आपबीती है ’अनारकली ऑफ आरा’: अविनाश दास

रीतू तोमर 

नई दिल्ली, (आईपीएन/आईएएनएस)। फिल्म ’अनारकली ऑफ आरा’ उन महिलाओं की कहानी है जो दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में नाच-गाकर अपना गुजर-बसर करती हैं। भीड़ के बीच ठुमके लगाने वाली इन महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं, लेकिन इनमें से चंद महिलाएं इन ज्यादतियों के खिलाफ आवाज भी बुलंद करती हैं।
बिहार की देवी और हरियाणा की सपना चैधरी उन्हीं महिलाओं का उदाहरण हैं। इन्हीं महिलाओं के जज्बे और आपबीती को पर्दे पर उतार रही है ’अनारकली ऑफ आरा’। इसमें स्वरा भास्कर ने अपने अभिनय से मुख्य किरदार को जीवंत किया है।
फैजाबाद की तारा बानो और बिहार की देवी की आपबीती से प्रेरणा लेकर दरभंगा के अविनाश दास ने ’अनारकली ऑफ आरा’ की पटकथा लिखी और खुद ही इसका निर्देशन करने का जिम्मा भी उठाया। हालांकि, यह फिल्म किसी की बायोपिक पर आधारित नहीं है, लेकिन इसमें सच्ची घटनाओं को समाहित किया गया है।
फिल्म के निर्देशन एवं लेखक अविनाश दास ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा, “मेरी इस फिल्म को काफी लोग बायोपिक मान रहे हैं, लेकिन यह बायोपिक नहीं बल्कि सच्ची घटनाओं पर आधारित है। देश के छोटे और पिछड़े क्षेत्रों में आज भी इस तरह की महिलाएं हैं जो नाच-गाकर अपनी आजीविका चलाती हैं, लेकिन गलती तब हो जाती हैं जब इन्हें ’टेकन फॉर ग्रांटेड’ मान लिया जाता है।
अविनाश कहते हैं, “मेरी फिल्म समाज के कुछ ऐसे लोगों पर फोकस करती है, जो इस तरह की ओछी मानसिकता दिखाते हैं।
इस फिल्म के लिए प्रेरणा कहां से मिली? जवाब में वह कहते हैं, “मैंने फैजाबाद की तारा बानो के बारे में काफी शोध किया है। वह भी इसी तरह नाच-गाकर अपना गुजर-बसर करती थी। लोगों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, उसके साथ छेड़छाड़ की गई। इस छेड़छाड़ और दुव्र्यवहार से तंग आकर वह दिल्ली के सीलमपुर की गलियों में कहीं गुम हो गई। बिहार की देवी सिंह और हरियाणा की सपना चैधरी के उदाहरण हम सबके सामने हैं। तब मैंने ठान लिया कि मैं इसी विषय पर फिल्म बनाऊंगा।
यह पूछने पर कि बड़े बजट और बड़े निर्देशकों के फिल्मों की भरमार के बीच ’अनारकली ऑफ आरा’ दर्शकों का ध्यान खींच पाएगी? इस पर अविनाश ने कहा, थीम ऐसा है कि यह लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। हमारे देश में पहली बार स्ट्रीट सिंगर पर फिल्म बनी है। यह अपनी तरह की पहली फिल्म है जो नाच-गाकर आजीविका चलाने वाली महिलाओं की आपबीती बयां कर रही है। इसके पात्र जरूर काल्पनिक हैं, लेकिन घटनाएं सच्ची हैं।
वह बताते हैं, सोनम कपूर ने जब फिल्म देखी तो वह दहाड़ मारकर रोने लगी। उन्होंने पूछा कि क्या यह सब हमारे देश में होता है? क्योंकि सोनम ने कभी इस तरह का सच नहीं देखा था और मैं मानता हूं कि इस असलियत से देश का एक बड़ा तबका अनजान है।
’अनारकली ऑफ आरा’ के कुछ दृश्य ऑनलाइन लीक हुए हैं। इस पूरे परिदृश्य पर रोशनी डालते हुए अविनाश कहते हैं, “फिल्म के दो-तीन दृश्य लीक हुए हैं, लेकिन अच्छा ही है.. हमें इससे सावधान होने का मौका मिला। आज के दौर में तो पूरी फिल्म ही लीक हो जाती है।
अविनाश सेंसर बोर्ड के कामकाज से बहुत खफा हैं। वह अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहते हैं, सेंसर बोर्ड बिल्कुल वाहियात है। उन्होंने इतने बेतुके तर्क देकर हम पर दबाव बनाया कि मैं बता नहीं सकता। फिल्म के एक संवाद में सुंदर कांड का जिक्र है तो हमें लोगों की भावनाएं आहत करने का हवाला देकर इसे हटाने को कहा गया। एक जगह अर्जुन आवारा का जिक्र है तो अर्जुन हटाने को कहा, ताकि लोगों की भावनाएं आहत न हो जाएं। इतना बच-बचाके कहीं फिल्म बनती है साहब! वह कहते हैं, कई देशों में सेंसर बोर्ड ही नहीं है, लेकिन हमारे यहां नैतिक पहरेदार के रूप में सेंसर बोर्ड को बैठा दिया गया है जो बेतुके तर्क देकर बॉसियत झाड़ता रहता है।
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