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जीवन में रुकना नहीं, आगे बढ़ना चाहता हूं: अखिल
By Deshwani | Publish Date: 19/2/2017 2:53:39 PM
जीवन में रुकना नहीं, आगे बढ़ना चाहता हूं: अखिल

मोनिका चैहान

नई दिल्ली, (आईपीएन/आईएएनएस)। अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित दिग्गज मुक्केबाज अखिल कुमार का कहना है कि वह जीवन में रुकना नहीं, केवल आगे बढ़ते रहना चाहते हैं और यही कारण है कि उन्होंने पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रखा है।
आईओएस ने पेशेवर मुक्केबाजी के लिए अखिल और भारत के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय पदक जीत चुके जीतेंद्र कुमार के साथ शनिवार को करार किया। इस करार के तहत एक अप्रैल को मुंबई में होने वाली पेशेवर मुक्केबाजी प्रतियोगिता में अखिल और जीतेंद्र को काफी समय बाद रिंग में उतरते देखा जाएगा। पेशेवर लीग के लिए मिली प्रेरणा के बारे में आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में अखिल ने कहा, “पेशेवर मुक्केबाजी में आने का कोई खास कारण नहीं है मेरे पास। मैं केवल जिंदगी में आगे बढ़ना चाहता हूं। रुकना नहीं चाहता।
वर्ष 2005 में अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाले मुक्केबाज अखिल ने कहा, “हम खिलाड़ियों की पहचान हमारे खेल से है। मुझे लोग एक मुक्केबाज के तौर पर जानते हैं और अगर मैं इसी के लिए शांत बैठ जाऊंगा, तो इसका कोई फायदा नहीं है। मैं जीवन में कुछ न कुछ करते रहना चाहता हूं। पेशेवर मुक्केबाजी में आने के पीछे विजेंदर सिंह से प्रोत्साहन के बारे में अखिल ने कहा, विजेंदर से पहले भी कई मुक्केबाज पेशेवर मुक्केबाजी में आए हैं, जिनमें राजकुमार सांगवान, वेंकटेश, अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित धर्मेद्र यादव शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत को दिसम्बर, 2012 में तत्कालीन भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) के लिए चयन में हेरफेर के मामले में प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस प्रतिबंध के कारण भारतीय मुक्केबाजों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय ध्वज के तहत खेलने का अवसर नहीं मिला।
हालांकि, पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय एमेच्योर मुक्केबाजी संघ (आईबा) ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) को मान्यता दे दी। ऐसे में पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रखने पर अखिल ने कहा, खेल मंत्रालय ने पहले भी काफी मदद की है। खिलाड़ियों के लिए वह हर साल बजट पास करते हैं।
इन घटनाओं के कारण पेशेवर मुक्केबाजी में आने के संशय के बारे में अखिल ने कहा, मेरे पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रखने के पीछे मुक्केबाजी संघ की कमी कारण नहीं है। सरकार ने हर तरह से मदद की है। मैंने ओलम्पिक खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का अनुभव ले लिया है और अब कुछ नया करने का मन है। यही कारण है कि मैं पेशेवर मुक्केबाजी में आया हूं। इसका प्रतिबंध से कोई लेना-देना नहीं है।
अखिल ने कहा कि बीएफआई जिस प्रकार से कार्य कर रही है, उन्हें आशा है कि बहुत ही जल्द एमेच्योर मुक्केबाजी में अच्छे परिणाम भी देखने को मिलेंगे।
इस साल अप्रैल में होने वाली पेशेवर मुक्केबाजी प्रतियोगिता में विजेंद्रर के अलावा अखिल और जीतेंद्र कुमार भी हिस्सा ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता में भारत के ड्ब्ल्यूबीओ एशिया पेसेफिक मिडलवेट चैम्पियन विजेंदर का सामना डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल सुपर मिडिलवेट चैम्पियनशिप और चीन के मुक्केबाज जुल्पिकर मेमातियाली से होगा। हालांकि, अखिल और जीतेंद्र के प्रतिद्वंद्वियों के बारे में जानकारी मार्च के अंतिम सप्ताह में दी जाएगी। मुंबई में एक अप्रैल को होने वाली इस प्रतियोगिता की तैयारियों के बारे में अखिल ने कहा, मैंने बहुत अच्छी तैयारी कर रखी है और अब मैं पूरी तरह से तैयार हूं, बस रिंग में उतरने की देरी है।
हरियाणा में पुलिस उप अधीक्षक के रूप में सेवा दे रहे अखिल को हाल ही में हरियाणा सरकार से पेशेवर मुक्केबाजी के लिए अनुमति मिली है। वह काफी समय बाद रिंग में उतर रहे हैं। ऐसे में क्षमता की कमी के बारे में पूछे जाने पर अखिल ने कहा, “मेरे पास अनुभव है। मुझे बस अच्छी रणनीति बनानी है और आईओएस अच्छी योजना तैयार कर रही है। आशा है कि हम आईओएस के साथ लंबे समय तक खेलें।
राष्ट्रमंडल खेलों-2006 में स्वर्ण पदक विजेता रहे अखिल ने कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नेतृत्व किया है। 2008 मुक्केबाजी विश्व कप में कांस्य पदक विजेता अखिल ने कहा कि किसी भी प्रतियोगिता में जीत के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। अगर यह आपके पास है, तो आपकी आधी जीत तय है।
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