भारत-नेपाल/किशनगंज। भारत-बांग्लादेश सीमा पर 24 अप्रैल को मिली सुरंग के मामले में दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों से पूछताछ में तस्करी व मजदूरों के घुसपैठ कराने के वास्ते सुरंग खोदे जाने की बात सामने आई है।
बीएसएफ के डीसीजी पीके रंजन के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सुरंग खोदे जानेवाले मामले में बीएसएफ के द्वारा जुटाए गए इनपुट के आधार पर चार बांग्लादेशी समेत ग्यारह के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें सात भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा थाना की पुलिस व बीएसएफ की संयुक्त कार्रवाई में दो संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार संदिग्धों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बीएसएफ की नजरों से बचते हुए बांग्लादेशी मजदूरों के भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने व तस्करी के लिए सुरंग खोदे जाने की बात स्वीकारी। गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों को चोपड़ा पुलिस के हवाले किया गया है। हालांकि जांच प्रभावित नहीं हो इस लिहाज से बीएसएफ नाजमद आरोपित व गिरफ्तार किए गए संदिग्धों का नाम बताने से परहेज कर रही है। ज्ञात हो कि 24 अप्रैल को भारत-नेपाल सीमा पर बीएसएफ इंटेलीजेंस के द्वारा 80 मीटर लंबी सुरंग पकड़ा गई थी।
बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा थानान्तर्गत फतेहपुर बीओपी इलाके में डंकन चाय बगान में सुरंग मिला था। 27 फरवरी को नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के आईजी राजेश मिश्रा ने स्थल निरीक्षण कर सीमा पर तैनात 139वीं बटालियन के जवानों को पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया था। शुरुआती दौर में पशु तस्करी के लिए सुरंग खोदे जाने की बात सामने आई थी। डीसीजी के द्वारा दी जानकारी के अनुसार सीमा पर कंटीले तार लगाए जाने के बाद मजदूरों के घुसपैठ कराने व तस्करी के लिए सुरंग खोदे जाने की बात बताई गई।
इससे पूर्व, 27 अप्रैल को ही बीएसएफ इंटेलीजेंस के द्वारा जिन ग्यारह संदिग्धों की सूची चोपड़ा पुलिस को सौंपी गई थी, उसमें सात भारतीय समेत चार बांग्लादेशी नागरिक के थे, जिसमें दो कुआं व तालाब खोदने वाले पेशेवर भी शामिल हैं। आरोपित सभी चार बांग्लादेशी नागरिकों की सूची बार्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंपी गई है। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, बीजीबी के अधिकारियों ने आरोपितों की गिरफ्तारी में हर संभव मदद का भरोसा दिया है।