बिहार
सात वर्ष में भी नहीं बन पाया भारत-नेपाल सीमा पर पुल
By Deshwani | Publish Date: 24/4/2017 1:08:50 PM
किशनगंज, (हि.स.)। भारत-नेपाल को जोड़ने वाली गलगलिया मेची नदी पर सात वर्ष में भी पुल बनकर तैयार नहीं हो पाया है। जिस कारण दोनों देशों के लोग निराश हैं। वहीं रोज आने-जाने वाले लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। वर्ष 2010 में नेपाल के उप-प्रधानमंत्री विजय कुमार गच्छदार के द्वारा इस पुल की आधारशिला रखी गयी थी और चार वर्षों में इस पुल के तैयार हो जाने की बात उन्होंने कही थी, जिससे लोगों में खुशी का माहौल था। मगर सात वर्षों में भी पुल के तैयार नहीं होने से लोग नदी पारकर किसी तरह आवाजाही करते हैं।
मेची नदी पार करने के लिए बरसात के समय लोगों का नाव ही सहारा होती है। कभी-कभी तो नदी में ज्यादा पानी हो जाने से नाव भी बंद हो जाता है, जिससे लोग समय पर अपने घर नहीं जा पाते। सुखाड़ के दिनों में भी नदी के रेत होकर साइकिल व मोटरसाइकिल से जाना मुश्किल रहता है। 18 फरवरी को जैन धर्म गुरु आचार्य महाश्रमण जी महाराज के पद यात्र के दौरान नेपाल के भद्रपुर से मेची नदी होते हुए गलगलिया से ठाकुरगंज आने के क्रम में जैन समाज व श्रद्धालुओं द्वारा यहां बांस के चचरी पुल का निर्माण कराया गया था। अब तक उसी होकर लोग आवाजाही कर रहे हैं। रोजाना आवाजाही करने वालों पप्पू महतो, मो. बसिर एवं मो. तमरेज ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में व्यापारी लोग इस चचरी पुल से आना जाना करते हैं लेकिन पुल इस चचरी पुल का सुध लेने वाला कोई नहीं।