खगड़िया, (हि.स.)। राज्य सूचना आयोग ने बहुचर्चित सोलर लाइट घोटाला प्रकरण में खगड़िया के उप विकास आयुुक्त को तलब किया है। मंगलवार को आयोग में हुई सुनवाई के दौरान जिला परिषद के जिला अभियंता विभागीय पक्ष स्पष्टता के साथ नहीं रख सके। राज्य सूचना आयुक्त बीके वर्मा ने पाया कि इस गंभीर मामले में कुछ सूचनाएं छिपाई जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले सालों के दौरान जिले के 129 पंचायतों के मुखिया ने सोलर लाइट खरीद के नाम पर जमकर घोटाला किया था। सरकार द्वारा निर्देश दिया गया था कि बिहार सरकार की एजेंसी ब्रेडा द्वारा प्रमाणित सोलर लाइट की खरीद ही की जाए।
इस मामले में संबंधित मुखिया ने सरकारी निर्देशों की खुलेआम अवहेलना किया और 40 से 45 हजार रूपये प्रति सोलर लाइट का खर्च दिखाकर घटिया क्वालिटी के सोलर लाइट खरीद लिये। वहीं, कुछ मुखिया ने बिना खरीद किये ही बिल का भुगतान ले लिया और बाद में कागज पर खरीद किये गये सोलर लाइट के चोरी हो जाने की एफआईआर दर्ज करा दिया।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता शैलेन्द्र सिंह तरकर ने जब सोलर लाइट खरीद से संबंधित जानकारी मांगी तब पंचायत कर्मी सूचना देने में आनाकानी करने लगे। अंतत: मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा और तत्कालीन सूचना आयुक्त एस. विजय राघवन ने पंचायती राज विभाग को कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
इस मामले में 26 पंचायत सचिवों के खिलाफ आरोप पत्र गठित किया जा चुका है जबकि 113 पंचायत सचिव तथा मुखिया से सोलर लाईट के नाम पर गबन की गई लगभग तीन करोड़ रूपये की वसूली के संबंध में सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया जा चुका है। इसमें खगड़िया प्रखंड के 10, चौथम के 23, मानसी और गोगरी के 19-19, अलौली के 7 तथा परबत्ता के 6 मुखिया व पंचायत सचिवों के खिलाफ की गई कार्रवाई शामिल है।
आयोग का मानना है कि सर्टिफिकेट केस को दंडात्मक कार्रवाई नहीं माना जा सकता है। डीडीसी को दोषी कर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर इसकी सूचना अगली तारीख को आयोग में स्वयं उपस्थित होकर देना होगा।