रांची। चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को आज भी राहत नहीं मिली। देवघर कोषागार मामले से अवैध निकासी मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई अगली तारीख तक के लिए टाल दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। सीबीआई के शपथपत्र पर जवाब देने के लिए समय लिया गया है।
झारखंड उच्च न्यायालय में जस्टिस एके सिंह की कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान लालू प्रसाद यादव के वकील ने शपथपत्र पर जवाब देने के लिए अनुमति मांगी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने इसकी अनुमति दे दी। सीबीआई ने हाईकोर्ट में अपना जवाब बुधवार को दाखिल कर दिया है। इसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव पर कुल छह मामले चल रहे हैं। इनमें चार मामलों में इन्हें सजा मिल चुकी है। दो मामले अभी लंबित हैं। लालू ने सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत की गुहार लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इनकी याचिका खारिज कर दी। सीबीआई ने उच्च न्यायालय से लालू को जमानत नहीं दिए जाने की गुहार लगाई है।
लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि इस मामले में सीबीआई कोर्ट लालू को साढ़े तीन साल की सजा दे चुकी है। लालू प्रसाद यादव लगभग 25 महीने की सजा काट चुके हैं। इसको आधार बनाकर जमानत याचिका दाखिल की गई है। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से जवाब देने के लिए हाईकोर्ट से समय मांगी गई थी। इसके बाद अदालत ने सुनवाई के लिए पांच जुलाई की तिथि निर्धारित की थी।
इससे पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उनकी ओर से बीमारी का हवाला देकर जमानत मांगी गई थी लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री लालू को सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर कोषागार मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा देवघर, दुमका और चाईबासा कोषागार मामले में भी लालू को सजा मिल चुकी है। इन तीनों मामलों में वे सजा काट रहे हैं।
लालू प्रसाद चारा घोटाला में दोषी ठहराए जाने के बाद 23 दिसंबर, 2017 से जेल में बंद हैं। फिलहाल जेल प्रशासन की देखरेख में रांची के रिम्स में उनका इलाज चल रहा है। वो कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।