ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
झारखंड
मोदी कैबिनेट में झारखंड के अर्जुन मुंडा को मिला जनजातीय कार्य मंत्रालय
By Deshwani | Publish Date: 31/5/2019 5:36:31 PM
मोदी कैबिनेट में झारखंड के अर्जुन मुंडा को मिला जनजातीय कार्य मंत्रालय

रांची। तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके खूंटी लोकसभा से सांसद चुने गए अर्जुन मुंडा को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में जनजातीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में बतौर कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। केंद्र में मोदी की पिछली सरकार में यूं तो राज्य से दो राज्यमंत्री सुदर्शन भगत और जयंत सिन्हा थे, मगर इस बार इन दोनों ही नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल पाया। लोहरदगा के भाजपा सांसद सुदर्शन भगत जीत की हैट्रिक लगाने में सफल रहे, लेकिन मंत्री पद नहीं दोहरा पाए। झारखंड कोटे के दूसरे केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा को भी आउट कर दिया गया है। 

 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जुन मुंडा पर भरोसा जताया है। विपक्षी महागठबंधन का मजबूत चक्रव्यूह भेद कर खूंटी से सांसद बने अर्जुन मुंडा का कद बढ़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं आदिवासी चेहरा अर्जुन मुंडा को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है। केंद्र सरकार में वे झारखंड के इकलौते मंत्री होंगे। पिछली सरकार में दोनों मंत्री राज्यमंत्री थे, जबकि अर्जुन मुंडा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। 
 
 
झारखंड के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा राजनीतिक वनवास झेलने के बाद अब मुख्य धारा में शामिल हो चुके हैं। 1995 में पहली बार खरसावां से विधायक बने मुंडा की राजनीति सरपट भाग रही थी। 2014 में उन्होंने जमशेदपुर संसदीय चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, मगर इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में वे खरसावां सीट से चुनाव हार गए। हालांकि वे संगठन में लगातार सक्रिय रहे, फिर भी प्रदेश संगठन से उनकी दूरी के बाद लग रहा था कि जैसे वे राजनीतिक हाशिए पर जा रहे हैं। मगर इस राजनीतिक वनवास से वह और तपकर ही निकले। इस बार खूंटी से उन्हें टिकट मिला, जिसमें वे हारते-हारते महज 1445 वोट से जीते। 
 
मुंडा का राजनीतिक जीवन 1980 से शुरू हुआ। उस वक्त अलग झारखंड आंदोलन का दौर था। अर्जुन मुंडा ने राजनीतिक पारी की शुरूआत 1995 में झारखंड मुक्ति मोर्चा से की। बतौर भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी 2000 और 2005 के चुनावों में भी उन्होंने खरसावां से जीत हासिल की। वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य का गठन होने के बाद अर्जुन मुंडा बाबूलाल मरांडी के कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री बनाये गये। 
 
वर्ष 2003 में विरोध के कारण बाबूलाल मरांडी को मुख्यमंत्री के पद से हटना पड़ा और राज्य की कमान 18 मार्च 2003 को अर्जुन मुंडा को पहली बार सौंपी गई। इसके बाद 12 मार्च 2005 को दोबारा उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन निर्दलीयों से समर्थन नहीं जुटा पाने के कारण उन्हें 14 मार्च 2006 को त्यागपत्र देना पड़ा। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। लगभग दो लाख के मतों के अंतर से जीत हासिल की। 11 सितम्बर 2010 को वे तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। अर्जुन 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर सीट से झामुमो के दशरथ गागराई से हार गए।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS