एनकाउंटर में जख्मी PLFI जोनल कमांडर संतोष यादव गिरफ्तार, 10 लाख रुपये का था इनाम
रांची। खूंखार उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) का दूसरा सबसे बड़ा उग्रवादी संतोष यादव उर्फ टाइगर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित है। पुलिस ने टाइगर को रांची जिला के पंडरा स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि गुमला जिला के कामडारा में रविवार तड़के पुलिस और उग्रवादियों की मुठभेड़ में उसे गोली लगी थी। घायल होने के बाद संतोष यादव उर्फ टाइगर वहां से भागकर रांची आ गया और अपने घर में आराम कर रहा था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रविवार देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने रात में ही चटकपुर स्थित उसके घर से उसे उठाया और राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में भर्ती कराया। टाइगर के साथ उसकी पत्नी भी रिम्स में मौजूद है।
ज्ञात हो कि रविवार तड़के कामडारा थाना क्षेत्र के आमटोली जंगल में पुलिस और उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के बीच मुठभेड़ हो गयी थी, जिसमें 10 लाख रुपये के इनामी गुज्जू गोप समेत तीन उग्रवादी ढेर हो गये थे। मुठभेड़ में चार-पांच उग्रवादियों के घायल होने की भी सूचना थी।
पुलिस ने रविवार की रात बताया था कि गुज्जू गोप पर 38 मुकदमे दर्ज थे। वह संगठन के सरगना दिनेश गोप के बाद दूसरे नंबर का पीएलएफआई कमांडर था। आतंक का पर्याय बन चुके गुज्जू गोप पर सिमडेगा जिला के बानो थाना के एक पुलिस पदाधिकारी विद्यापति सिंह सहित कई पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप था।
उल्लेखनीय है कि झारखंड को उग्रवाद से मुक्त करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान लगातार अभियान चला रहे हैं। हथियार उठाने वाले संगठनों से अपील की जा रही है कि सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत वे हथियार डालकर आम शहरी की तरह जीवन यापन करें। नहीं मानने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
पुलिस की हालिया कार्रवाई ने उग्रवादी संगठनों की कमर तोड़ दी है। पुलिस के मुताबिक, उसके अभियान के दौरान वर्ष 2019 में पीएलएफआइ के नौ उग्रवादी और भाकपा माओवादी के दो नक्सली मारे जा चुके हैं।