रांची। झारखंड की राजधानी रांची में एटीएस की टीम ने सिम बॉक्स चला रहे एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। शहर कांटा टोली और कांके रोड में छापा मारकर दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन दोनों सेंटरों पर सिम बॉक्स को फिक्स कर मोबाइल के फोन कॉल्स बायपास किए जा रहे थे। एसएसपी अनीश गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एटीएस की कार्रवाई में इस गिरोह का खुलासा हुआ है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है। सिम बॉक्स के संचालकों की तलाश इंटरपोल को भी है।
जांच में यह पता चला है कि एक ही व्यक्ति के नाम पर एक मोबाइल प्राइवेट कंपनी के 10 हजार पोस्टपेड कनेक्शन जारी किए गए थे। हिरासत में लिए गए लोगों का मुख्य सरगना दिल्ली से इस पूरे नेटवर्क को संचालित करता था। इस सिम बॉक्स से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब देशों में बातचीत की जाती थी और मैसेज भेजे जाते थे।
रांची में 10 हज़ार सिम कार्ड का सिम बॉक्स बरामद हुआ है। वहां से एक साथ 50 हज़ार लोगों को मैसेज भेजे जा सकते थे। इसका उपयोग धार्मिक उन्माद फैलाने में भी लाए जा सकते थे. फिलहाल एटीएस इस मामले में हिरासत में लिए गए लोगों से पुछताछ कर रही है। पुलिस को कई लिंक मिले हैं, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।
रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि मामला काफी संवेदनशील है और देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इसमें जितने भी लोग शामिल हैं उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। इसीलिए पुलिस गुप्त तरीके से काम कर रही है। एसएसपी ने यह स्वीकार किया है कि 77 साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह पर शिकंजा कसा जा रहा है। अभी भी छापेमारी जारी है।
सिम बॉक्स की मदद से कॉल को बायपास किया जाता है। कोई कॉल इंटरकनेक्ट प्रोवाइडर से होकर पीएलआईएमएन(पब्लिक लैंड मोबाइल नेटवर्क) इंटरनेशनल गेटवे पर जाता है। फिर वहां से इंटरनेशनल कॉल को सिम बॉक्स की मदद से लोकल कॉल में कन्वर्ट कर दिया जाता है। कॉल कन्वर्ट करने का फायदा ये होता है कि मार्केट रेट पर कॉल चार्ज न लगकर लोकल कॉल का चार्ज लगता है। सिम बॉक्स से एक साथ कई जगह मैसेज भी भेजे जा सकते हैं।