बोकारो: छेड़खानी के बदले रेप की 'तालिबानी' सजा सुनाने वाले मुखिया को 10 साल की सजा
बोकारो। भरी पंचायत में 'तालिबानी' फैसला सुनाने वाले मुखिया को बोकारो पॉस्को कोर्ट ने 10 साल का सजा सूनाई है। साथ ही पंचायत के फरमान पर नाबालिक से रेप करने वाले मुखिया के दामाद को भी 20 साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा मुखिया की बेटी को 10 साल की सजा सूनाई गई है।
सात जूलाई 2014 को घटी इस घटना ना सिर्फ इंसानियत को शर्मसार कर दिया था, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। मीडिया में खबर आने के बाद इसकी गूंज संसद तक पहुंची थी। आरोपियों को पकड़ा गया। चार साल के बाद बोकारो के पॉक्सो कोर्ट में जस्टिस रंजीत कुमार ने तीनों दोषियों को सजा सुनाई।
कोर्ट ने कबीले के स्वयंभू मुखिया घोषाल पासी और उसकी बेटी सुगंदा देवी उर्फ गुड़िया को 10 साल की सजा सूनाई है। साथ ही 'तालिबानी' फैसला को मानते हुए नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी नाकाबंदी पासी को 20 साल की सजा सूनाई गई। नाकाबंदी पासी मुखिया घोषाल पासी का दामाद और सुगंदा का पति है।
बोकारो जिले के गोमिया थाना इलाके के स्वांग में पंचायत लगाकर मुखिया ने छेड़खानी के बदले रेप करने का फैसला सुनाया था। पंचायत ने छेड़खानी करने वाले युवक की 13 वर्षीय बहन के साथ बलात्कार करने का आदेश भरी सभा मे सुना दिया था। मासूम पीड़िता भरी पंचायत में लोगों से गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। आरोपी नाकाबंदी पासी ने पंचायत के फैसले के बाद भरी पंचायत मे लड़की को घसीटते हुए जंगल में ले जाकर उसके साथ रेप किया था।
घटना गोमिया थाना इलाके के स्वांग के गुलगुलिया धौड़ा में घटी थी। नाकाबंदी पासी के घर मे उसकी पत्नी गुड़िया सोई हुई थी। उसी समय पड़ोसी युवक हरेन्द्र पासी शराब के नशे में घर में घुसकर उसके बगल में सो गया था। गुड़िया की नींद खूली तो उसने शोर मचाया। कबीले का मुखिया घोषाल पासी ने पंचायत लगाया, जहां कबीले के सभी लोगों को बुलाया गया। मुखिया के आदेश के बाद गुड़िया और उसका पति नशे में चूर युवक के घर पहुंचे। दोनों को वहां से पकड़कर पंचायत में पेश किया गया।
भरी पंचायत में छेड़खानी के बदले रेप का 'तालिबानी' फैसला सुनाया गया। इस फैसले के बाद नाकाबंदी पासी ने भरी पंचायत से मासूम लड़की को घसीटते हुए बगल के जंगल में ले गया। उसके साथ बालात्कार किया। वहां मौजद लोग भी तमाशबीन बने रहे। पीड़िता और उसकी मां रोती-बिलखती रही, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। मीडिया में मामाल आने के बाद पीड़िता ने हिम्मत की और थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों अरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बोकारो के पॉक्सो कोर्ट ने तीनों आरोपियों को सजा सुनाई।