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झारखंड
झारखंड में 370 करोड रुपए की बिजली प्रतिमाह खरीद के बावजूद बिजली संकट बरकरार
By Deshwani | Publish Date: 23/7/2018 5:09:51 PM
झारखंड में 370 करोड रुपए की बिजली प्रतिमाह खरीद के बावजूद बिजली संकट बरकरार

रांची। झारखंड में बिजली की स्थिति बदहाल है। राज्य में तेनुघाट की एक यूनिट को छोड़कर किसी भी पावर प्लांट में से बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। राज्य में 2100 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन उत्पादन सिर्फ 130 मेगावट बिजली का हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में जहां 5 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है तो वहीं राजधानी रांची में सिर्फ 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है।

झारखंड बिजली वितरण निगम करीब 370 करोड रुपए की बिजली प्रतिमाह खरीद रहा है। बावजूद इसके लोगों को बिजली की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। बिजली आपूर्ति करने के लिए ट्रांसमिशन लाइन नहीं है। झारखंड राज्य बनने के बाद से ही अंडरग्राउंड केबलिंग का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है।

निगम को भी लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है। हाल ये है कि झारखंड के कई जिलों में बिजली के लिए दूसरे राज्यों का मुंह देखना पड़ रहा है। गढ़वा जिला आज भी बिजली के लिए उत्तर प्रदेश पर निर्भर है। संथाल परगना की स्थिति भी लगभग यही है। यहां पूरी व्यवस्था बिहार और एनटीपीसी के पावर प्लांट पर टिकी है। इसे ललमटिया और पतरातू से जोड़ने का काम आज तक नहीं हो सका है।

 राज्य में हल्की बारिश या तेज हवा चलने पर ग्रिड फेल हो जाते हैं। इनको बनाने में घंटों समय लगता है। पूरे राज्य में कहीं भी बिजली की निर्बाध आपूर्ति नहीं की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में केवल चार से पांच घंटे ही बिजली मिल रही है। शहरी इलाकों की हालत भी अच्छी नहीं है। राजधानी समेत सभी शहरी क्षेत्रों में आठ से 10 घंटे ही बिजली की अापूर्ति की जा रही है।

राज्य में हर दिन करीब 2100 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, जबकि उत्पादन केवल 130 मेगावाट ही हो रहा है। पावर प्लांटों से उत्पादन लगातार घटता जा रहा है। राज्य गठन के बाद दो निजी कंपनियों इनलैंड पावर से 55 मेगावाट व आधुनिक पावर से 122 मेगावाट अतिरिक्त बिजली राज्य को मिल रही है। पीटीपीएस साल भर पहले ही बंद हो चुका है। अगले पांच वर्षों तक उससे उत्पादन शुरू नहीं किया जा सकता है। सिकिदरी हाइडल पावर प्लांट से नियमित उत्पादन नहीं हो पाता है।

अब टीवीएनएल भी क्षमता के अनुरूप उत्पादन करने में अक्षम हो गया है। टीटीपीएस का एक प्लांट बंद है। चल रहे इकलौते प्लांट से अधिकतम 130 मेगावाट ही बिजली मिलती है। टीवीएनएल प्लांट के लिए सीसीएल से कोयला खरीदता है। सीसीएल ने बकाया भुगतान नहीं करने की वजह से कोयले की आपूर्ति कम कर दी है। कोयले की कमी की वजह से एक वर्ष से टीवीएनएल का उत्पादन प्रभावित है। दूसरी ओर, राज्य में बिजली की मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।

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