झारखंड
मिशनरीज से बच्चा बेचने का मामला: पहले मामले की जांच होनी चाहिए, न कि मीडिया ट्रायल : बाबूलाल मरांडी
By Deshwani | Publish Date: 14/7/2018 4:43:31 PMरांची। रांची स्थित निर्मल हृदय मिशनरीज ऑफ चैरिटीज से बच्चा बेचे जाने के मामले को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की लेकिन नवजात की खरीद-बिक्री को लेकर आज इस संस्था पर बदनामी का काला धब्बा लगा है। मिली जानकारी के मुताबिक मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने झारखंड के कई नवजातों को अवैध तरीके से कोलकाता, केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश की मिशनरीज की संस्थाओं में फादर, सिस्टर और नन बनाने के लिए भेजा है। पुलिस प्रशासन द्वारा संस्था पर कार्रवाई और जांच शुरू होते ही विभिन्न विपक्षी दलों के नेता मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पहुंचने लगे हैं। कल कांग्रेसी नेताओं के दौरे के बाद आज जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और पूर्व मंत्री बंधू तिर्की भी मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पहुंचे।
बाबूलाल मरांडी ने करीब एक घंटे तक पूरे संस्था का मुआयना किया और वहां की संचालिका के साथ बातचीत की। मीडिया से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि गरीबों और पीड़ितों की सेवा के लिए समर्पित संस्था का कोई स्टाफ अगर गलत करता है तो मामले की जांच होनी चाहिए, न कि मीडिया ट्रायल।
उन्होंने कहा कि बीजेपी और संघ वाले राजनीति करते हैं। अनाप-शनाप बोलते रहते हैं, क्योंकि उनको राजनीति करनी है, काम नहीं करना है। लेकिन इस राजनीति में वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती पर मिशनरीज संस्थाओं ने आदिवासी बच्चों को पढ़ा-लिखा कर योग्य बनाया है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार पूरे मामले की जांच कराए। उसके बाद ही संस्था पर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करे। वहीं इस मामले पर संस्था की संचालिका ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।