रांची। मिशनरी ऑफ चैरिटी, ईस्ट जेल रोड की सिस्टर कोनसीलिया और वहां काम करने वाली अनिमा इंदवार ने जनवरी में स्थानीय निवासी दंपती ओमेंद्र कुमार सिंह व दीपधारी देवी को 50 हजार रुपए में एक नवजात बेचा था। इसे कोतवाली पुलिस ने कल देर रात सकुशल बरामद कर लिया। कोतवाली पुलिस ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया है। उसे करुणा आश्रम आरोग्य भवन में रखा जाएगा।
दीपधारी देवी ने बताया कि उन्हें किसी ने बताया था कि मिशनरी ऑफ चैरिटी ईस्ट जेल रोड में बच्चा दिया जाता है। उन्होंने अनिमा इंदवार से संपर्क किया। अनिमा ने सिस्टर कोनसीलिया से संपर्क कराया। फिर सिस्टर कोनसीलिया ने अनिमा के साथ मिलकर बच्चे को उन्हें सौंप दिया। दीपधारी को जो बच्चा दिया गया, वह चान्हो की एक अविवाहित मां का बच्चा था। इसके लिए अनिमा ने 50 हजार रुपए लिए, जिनमें आधा पैसा सिस्टर को दिया गया।
अनिमा और सिस्टर स्वीकार चुकी हैं 4 बच्चों का सौदाजेल जाने से पूर्व अनिमा और सिस्टर्स ने कबूल किया था कि उन्होंने जनवरी से अब तक चार बच्चों को बेचा है। इनमें एक बच्चा मोरहाबादी में, दूसरा कांटाटोली में 50-50 हज़ार में और तीसरा बच्चा सिमडेगा के एक दंपती को मुफ्त में दिया है। जबकि चौथा बच्चा यूपी के एक अग्रवाल दंपती को 1.20 लाख में दिया था। अब पुलिस कांटाटोली में बेचे गए बच्चे की बरामदगी में जुटी है।
एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि बच्चे को अवैध ढंग से दंपती को दिया गया था। इसलिए जिस दंपती ने पैसे देकर बच्चे लिए हैं, उन पर भी केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी है।
मोरहाबादी में जिस बच्चे को बेचा गया था, उस बच्चे का भी रिकॉर्ड मिशनरी ऑफ चैरिटी में नहीं रखा गया था। हालांकि पुलिस ने इस बच्चे की मां का पता लगा लिया है। इस महिला का रिकॉर्ड मिशनरीज ऑफ चैरिटी के रजिस्टर में नहीं मिला है। पुलिस जांच कर रही है कि इस मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की कौन-कौन सी सिस्टर्स जुड़ी हुई हैं।