खूंटी। पत्थलगड़ी समर्थकों ने कल बीजेपी सांसद करिया मुंडा के घर के बाहर से उनके तीन अंगरक्षकों को अगवा कर लिया। तीनों अंगरक्षकों को घाघरा गांव ले जाया गया है, जहां उन्हें ग्रामसभा में रखा गया है। पत्थलगड़ी समर्थकों का कहना है कि सरकार यहां आए, उसके बाद ही बॉडीगार्ड को छोड़ा जाएगा। दरअसल, ग्रामीणा घाघरा, मंदरुडीह, हुदाडीह और मतगड़ा में पत्थलगड़ी कर रहे थे। अंगरक्षकों का रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए पुलिस घाघरा गांव में घुस चुकी है। पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। फायरिंग शुरू हो गई है।
पत्थलगड़ी रोकने पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को पत्थर लगाने से मना किया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को खदेड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पुलिस और पत्थलगड़ी समर्थकों के बीच झड़प भी हुई, जिसमें दोनों ओर से दर्जनों लोग घायल हो गए। पुलिस की इस कार्रवाई से आक्रोशित पत्थलगड़ी समर्थक सांसद करिया मुंडा के घर के बाहर बने खपड़ैल मकान में जा घुसे और तीन जवानों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए। पत्थलगड़ी समर्थक तीनों जवानों के इंसास राइफल भी अपने साथ ले गए।
पत्थलगड़ी समर्थकों ने तीनों जवानों को लेकर ग्रामसभा बैठाई है। ग्रामसभा में तीनों जवानों को बंधक बनाकर रखा गया है। पत्थलगड़ी समर्थकों की मांग है कि सरकार का कोई अफसर या फिर नेता आकर उनसे बात करें तभी तीनों जवानों को छोड़ा जाएगा। अगवा किए गए जवानों में सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टा और सुयोन सुरीन शामिल हैं। जबकि एक जवान पत्थलगड़ी समर्थकों के खुद को बचाकर भाग निकला।
घाघरा गांव को पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया है। सांसद करिया मुंडा के गांव अनिगेड़ा में भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के लिए और ज़िलों से भी पुलिस फोर्स गांव पहुंच रही है। फिलहाल करीब 700 जवान खूँटी में मौजूद हैं।