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झारखंड
संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष, 294 स्वयंसेवको ने की शिक्षा ग्रहण
By Deshwani | Publish Date: 10/6/2018 9:38:32 AM
संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष, 294 स्वयंसेवको ने की शिक्षा ग्रहण

जमशेदपुर। झारखंड प्रान्त के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष जो 14 मई से स्थानीय आर बी एस इंजीनियरिंग कॉलेज एडलबेडा में चल रहा है समारोह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।प्रशिक्षार्थीओ के शारीरिक कार्यक्रम के उपरांत वर्ग के वर्गाधिकारी श्री प्रेम अग्रवाल ने आज के मुख्य अथिति को पुष्प शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया। वर्ग कार्यवाह श्री सुरेंद्र प्रताप सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि-इस वर्ग में कुल 294 शिक्षार्थीओ ने प्रशिक्षण लिया जिनमे कृषक 4,व्यवसायी 50 सेवा 2 प्रतियोगिता से 16 तकनीकी से 11 स्नातकोत्तर 12 स्नातक 46,बारहवीं के 68 ,ग्यारहबी से13 और मैट्रिक से 60 शिक्षार्थी सम्मिलित हुए। व्यवष्ठित प्रशिक्षण हेतु शिक्षरथियो को शारीरिक दृष्टिकोण से 16 गण जबकि बौद्धिक जो सामूहिक थी उसके अलावे 18 गटो में बिभाजित थी जिनके प्रशिक्षण के लिए 30 शिक्षक लगे थे।इस वर्ग में शिक्षरथियो की उम्र 15 से 40 वर्ष निर्धारित थी। अपने 8विभाग 4 महानगर और 24 जिलो के कुल 168 स्थानों का प्रतिनधि इस वर्ष के संघ शिक्षा वर्ग में हुआ। विदित हो कि इसी परिसर में प्रांत का घोष वर्ग जिसमे कुल संख्या शिक्षार्थी ओ की 81 जबकि शिक्षकों की 24 थी।


इस वर्ष के संघ शिक्षा वर्ग में मुख्य अतिथि श्री शुभरानंद जी सचिव भारत सेवाश्रम संघ जमशेदपुर ने संघ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपने आशीर्वचन में कहा कि -संघ की भांति भारत सेवाश्रम संघ आज सेवा,शिक्षा,धर्म जागरण,अस्पृश्यता निबारन,जनजाति बन्धुओ के बीच अनेक प्रकल्प, विशेषकर तीर्थ स्थलों में अपने अनेक प्रकल्प चलते है। हम सब संघ के प्रति सदैव श्रद्धा रखे है और अनेक क्षेत्रों मे आपसी सहयोग से कार्य भी करते है।व्यक्तिगत गीत के बाद  मुख्य वक्ता क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त चक्रधर ने अपने सम्बोधन में कहा कि-संघ प्रति वर्ष इस तरह का प्रशिक्षण वर्ग चलाता है।इस वर्ष 100 से अधिक स्थानों पर 25 हज़ार के लगभग स्वयंसेवक इसमे भाग ले रहे है।शारीरिक स्वस्थता के साथ साथ मानसिक स्वस्थता कायम रहे इस निमित इस तरह के वर्गो में  अनेक प्रशिक्षण दिए जाते है।1925 के स्थापना के बाद आलोचनाओ के बाद भी आगे बढ़ता गया।


1948 में 1975 में 1991 में सरकारी प्रतिबन्धों के बाद भी संघ उतरोतर प्रगति की अग्रसर रहा है यह आज शोध का विषय है।अपना देश परम वैभव को तभी प्राप्त कर सकता जब सामान्य व्यक्ति भी इस देश के प्रति अपना सम्पूर्ण भाव समर्पित कर सके और यही भाव संघ सम्पूर्ण समाज मे जागृत करता है।लोग तो है लोग किस प्रकार के है यह राष्ट्र को आगे ले जा सकता जब देश प्रथम का भाव हो।महात्मा गांधी सुभाष चन्द्र बोस सबने इसी भाव को बताया।जब तक सामान्य नागरिक अपने आंखों से स्वार्थ का पर्दा हटाकर देश प्रथम का भाव नही प्रगट करता तब तक कोई विकास सम्भव नही है।भारत को खड़ा करना है तो सामान्य नागरिको के सद्गुणों के स्तर को ऊपर उठाना होगा।और यही काम संघ अनवरत रूप से करता आ रहा है।संघ हर व्यक्ति में राष्ट्रभाव की भावना का प्रस्फुटन हो इसी भाव से कार्य कर रहा।श्री चक्रधर ने अपने समबोधन मे लोकनायक जयप्रकाश नारायण,स्वामी विवेकानंद, ए पी जे अब्दुल कलाम के दृष्टांतो को बताते हुए कहा कि हर मर्ज की दवा एक ही है और वो है जब तक सामान्य नागरिक स्वयं देश और समाज के बारे में आगे बढ़कर अपने दायित्व को स्वीकार नही करता तब तक देश खड़ा नही हो सकता।


उन्होंने बताया कि किस तरह लीगी आक्रमण के समय,कश्मीर विलय के संदर्भ में,दादर नगर हवेली और गोआ की स्वतंत्रता हो या 1962 की चीनी आक्रमण के समय संघ के स्वयंसेवको का योगदान भुलाया नही जा सकता।आई विल क्रश आरएसएस में विश्वास रखने बाले नेहरू जी ने भी 1963 में गणतंत्र दिवस परेड में संघ को आमंत्रित किया।1965 में संघ ने दिल्ली यातायात व्यवस्था को नियंत्रित कर इतिहास रच है।अपने स्वयंसेवक हमेशा देश के लिए तत्पर रहते है ।विदेशियो ने यह भ्रम फैलाया काफिले आते गए कारवां बनता गया यह घोर मिथ्या है।जबकि यह अत्यंत पुरातन राष्ट्र अपना भारत है। अनेक साहित्यिक दस्तावेजो से अब इन लोगो की पोल खुल रही है।


भारत को ऋषि मुनिओ ने हज़ारो वर्ष पूर्व भारत एक राष्ट्र है और इसके निवासी हिन्दू ही है बताते रहे इसमें कोई संशय नही है।कोई रामायण महाभारत वेद पुराण आदि विषयों पर विश्व का कोई भी शोध करना चाहेगा वह भारत ही आएगा।हिन्दू कोई धर्म नही बल्कि इस राष्ट्र की राष्ट्रियता के नाते जिनका मातृभूमि पितृभूमि पुण्यभूमि है इस देश के निवासी है  वे हिन्दू ही है।भारत का चिंतन है सर्व देव नमामि।विश्व मे हिन्दुओ में ही उदारता का चिंतन है सर्व समावेशी का चिंतन है।आज संघ के स्वयंसेवक 1 लाख 75 हज़ार सेवा के कार्य अपने पैसों से कर रहे है।यह सेवा कार्य हर उस हिदू के बीच चल रहा भले उनकी उपासना पद्यति कुछ भी हो ।आज समाज भी संघ की ओर आशा भरी नजरों से देखता है।संघ के स्वयंसेवक हज़ारों परिवारों से रोटियां संग्रहित कर अपने स्वयंसेवको के लिए भोजन की व्यवस्था करता यह सिर्फ संघ में ही सम्भव है।


आज झारखंड में इसाई मिशनरियों मतांतरण का खेल खेल रही है इससे अपने लोगो को जागृत करना ही होगा।देश के सामने आज अनेक प्रश्न है इन प्रश्नों के समाधान के लिए हम सब शाखा कोसमृद्ध करे।समापन समारोह ने जमशेदपुर महानगर के सैकड़ो संभ्रांत बंधु भगिनी नागरिको की उपस्थिति रही।धन्यवाद ज्ञापन वर्ग के सर्व व्यवस्था प्रमुख श्री मनोज कु गिरी ने किया।

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