रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 5 जून 2019 तक झारखण्ड प्लास्टिक मुक्त हो जायेगा। सवा तीन करोड़ झारखण्डवासियों से आह्वान करता हूं कि वे अपने जुनून से झारखण्ड को प्लास्टिक मुक्त कर दें। ऑफिस हो, घर हो या बाजार हो, गांव हो, बस्ती हो या नगर हो प्लास्टिक कहीं भी ना दिखे। जन भागीदारी से प्लास्टिक उपयोग के विरूद्ध जनान्दोलन शुरू होगा। मुख्यमंत्री मंगलवार को खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित बीट प्लास्टिक पोल्यूसन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विश्व भर में पर्यावरण प्रदूषण से तालाबों में मछलियां मर रही हैं और नदियों में जहर घुल रहा है। भारतीय संस्कृति में धरती हमारी मां है और हम आने वाली संततियों के लिए धरती और उसके पर्यावरण की रक्षा का प्रण लें। प्लास्टिक को पूर्णतः प्रकृति में मिलने में पांच सौ से एक हजार वर्ष लगता है तथा साथ ही इस दौरान कई विषैले गैसों का उत्सर्जन होता है। प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग का प्लांट झारखंड में लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपयोग किये गये पानी को रिसाइकल कर पावर प्लांट में उपयोग के लिए दिया जाए। सभी पावर प्लांट की बाध्यता होगी कि वे रिसाइकल पानी का उपयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और जलवायु की रक्षा के साथ झारखंड को ग्रीन इकोनॉमी राज्य बनाया जायेगा. वनोत्पाद को तथा उसके उपयोग को बढ़ावा देना होगा। गांव, बस्ती एवं शहर से लेकर विश्वस्तर पर इसके लिए बाजार बनाने की जरूरत है। बांस, लकड़ी की लुग्दी, सन, सीमल, साल पत्ता, महुआ पत्ता को बढ़ावा दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 1 जून 2018 को प्लास्टिक के इन्हीं विकल्पों को सुझाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहेबगंज तथा पाकुड़ में जूट की खेती को भी बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वनोत्पाद में तथा राज्य की ग्रीन इकोनॉमी की अहम भागीदार होगी झारखण्ड की मेहनतकश महिलाएं।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कार्यक्रम में पर्यावरण की रक्षा के लिए शपथ दिलाते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष हम पांच वृक्षों के पौधे लगाएं और पांच वर्षों तक उनकी सेवा करें।