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झारखंड
प्राकृतिक स्वरूप खोती जा रही स्वर्ण रेखा, गंदगी का लगा अंबार
By Deshwani | Publish Date: 5/6/2018 3:59:22 PM
प्राकृतिक स्वरूप खोती जा रही स्वर्ण रेखा, गंदगी का लगा अंबार

जमशेदपुर। आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जब सभी पेड़-पौधे और नदियों को बचाने की शपथ ले रहे हैं। वहीं आज झारखंड में स्वर्ण रेखा नदी का एक ऐसी भी तस्वीर सामने आई है जो भयावह है। जी हां, नदी में गंदगी का अंबार लगी है। स्वर्णरेखा नदी अपना प्राकृतिक स्वरूप खोती जा रही है। कभी जमशेदपुर की लाइफ लाइन माने जाने वाली स्वर्ण रेखा नदी का अस्तित्व एक बार फिर से खतरे में नजर आता दिख रहा है। एक बार फिर यहां गंदगी का अंबार साफ तौर पर देखा जा सकता है जिसके कारण शहर में बिमारियों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। नदी किनारे रहने वाले लोग इसका इस्तेमाल करते है। इतना ही नहीं नदी के पानी से ही अपनी दिनचर्या का काम भी करतें है। मगर इसकी गंदगी देखकर लोगों को एक बार फिर चिंता सताने लगी है। 


आज विश्व पर्यावरण दिवस केंद्र सरकार ने देशभर के 24 समुद्र तटों, इतने ही प्रदूषित नदी तटों और झीलों की सफाई के लिए 19 टीमों का गठन किया है। भारत इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस समारोहों का वैश्विक मेजबान है और इस संस्करण की थीम "प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को मात दें" रखी गई है।


पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि ये टीमें नौ तटीय राज्यों में करीब 24 समुद्र तटों और 19 राज्यों के 24 चिह्नित प्रदूषित खंडों में नदी तटों की सफाई करेंगी। इन 19 टीमों में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों में स्कूलों के इको- क्लब की प्रभारी नोडल एजेंसियां, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला प्रशासन, तटीय खंडों पर स्थित मत्स्य कॉलेज एवं दूसरे शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थान शामिल होंगे।


टीमें सफाई अभियान में स्कूल एवं कॉलेज के छात्रों और स्थानीय समुदायों को शामिल करेंगी। पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि समुद्र तट, नदी तट एवं झील के हर खंड के लिए 10 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। प्रमुख पुरातत्व स्थलों के आसपास भी सफाई की जाएगी। स्वच्छता गतिविधियां 15 मई को शुरू होकर पांच जून को समाप्त हो जाएंगी।

 

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