रिम्स में अराजकता बर्दाश्त नहीं, हड़ताली कर्मचारी काम पर लौटें : मुख्यमंत्री रघुवर दास
रांची। झारखंड के रिम्स में एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों द्वारा हंगामा के बाद शुरू हुए हड़ताल से उपजी अराजक स्थिति पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा है कि रिम्स में अराजकता बर्दश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से जल्द से जल्द काम पर लौटने की अपील की। सीएम ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को इस संबंध में वार्ता कर जल्द से जल्द विवाद का निबटारा करने के निर्देश दिये हैं।
बताया जाता है कि स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी सुबह तक अपने गृह क्षेत्र गढ़वा में थे। वहीं, स्वास्थ्य सचिव निधि खरे दिल्ली में हैं। सूत्रों ने बताया है कि स्वास्थ्य मंत्री रांची पहुंच रहे हैं। वे हड़ताल कर रहे डॉक्टरों और नर्सों से मिलेंगे। हड़ताल खत्म करने के रास्ते तलाशेंगे, ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो।
ज्ञात हो कि राजधानी रांची स्थित रिम्स में नर्सों और जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। अभी तक रिम्स में हड़ताल के कारण डेढ़ दर्जन मरीजों की मौत की खबर है। हड़ताल के कारण मरीज पलायन करने लगे हैं। रिम्स का बोझ अब सदर अस्पताल में शिफ्ट हो रहा है।
रिम्स के बाहर प्राइवेट अस्पतालों के दलाल भी सक्रिय हो गये हैं। बीमार लोगों के परिजनों को बहला-फुसलाकर अपने अस्पताल में ले जा रहे हैं। वहीं, सदर अस्पताल के सभी डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। प्रबंधन ने सभी से मरीजों को लेकर सावधानी बरतने और उनका ध्यान रखने का निर्देश दिया है। स्पष्ट निर्देश हैं कि इमरजेंसी में कोई कोताही न बरती जाये।
सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एके झा ने बताया कि रिम्स में हड़ताल के कारण काफी मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। ज्ञात हो कि जहर खाने के बाद अस्पताल में दाखिल एक मरीज की शनिवार की सुबह मौत हो गयी थी। मृतक के परिजनों ने मौत से पहले उसे इंजेक्शन देने वाली नर्स को पीट दिया। इससे नाराज नर्सों और जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल में काम का बहिष्कार कर दिया।