झारखंड
खुले आसमान के नीचे आंदोलनकारी आंगनबाड़ी सेविकाओं, सुध लेने को कोई तैयार नहीं
By Deshwani | Publish Date: 2/6/2018 3:37:44 PMजमशेदपुर। अपनी मांगो को लेकर सिदगोड़ा में आंगनबाड़ी सेविकाएं धरना पर बैठी हैं। इन आंदोलनरत आंगनबाड़ी सेविकाएं के पास सिर छुपाने के लिए न तो टेंट की सुविधा है और न ही खाने के लिए भोजन है। सरकारी एवं राजनीतिक अत्याचार की शिकार इन महिलाओं ने अपनी यूनिफार्म से ही उस समय टेंट बना लिया जब प्रशासन ने इनके टेंट गिरा दिए। अब सरकार द्वारा दिए गए वस्त्र से ही धरना स्थल पर आशियाना बनाकर राज्य सरकार के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं।
आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी सेविकाएं रात-दिन भीषण गर्मी से बेहाल हैं। लेकिन कल शाम को भगवान इंद्र देव की कृपा भले ही शहरवासियों के लिए राहत लाई, धरना स्थल पर बैठी महिलाओं के लिए आफत साबित हुई। बारिश में भीगने के कारण कई सेविकाएं बीमारी की चपेट में आ गईं हैं। लाचार और बेबस महिलाओं का हाल जानने के लिए न तो जिले के कोई वरीय अधिकारी पहुंचे और न ही किसी राजनीतिक दल के नेता। आंगनबाड़ी महिलाएं भगवान भरोसे खुले आसमान के नीचे अपने हक की लड़ाई भूखे-प्यासे लड़ रही हैं।
इन महिलाओं के पास सिर छुपाने के लिए न तो टेंट की सुविधा है और न ही खाने के लिए भोजन है। आर्थिक तंगी से जूझ रही महिलाएं जैसे तैसे स्वयं अपना भोजन तैयार कर अपना पेट भर रही हैं। बीमार पड़ी महिलाओं का इलाज सिदगोड़ा स्थित आरोग्यम अस्पताल में किया जा रहा है। आरोग्यम अस्पताल के इंचार्ज डॉ. सरवन कुमार ने कहा कि आरोग्यम हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने इन आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए डॉक्टर्स और नर्सेस की टीम बनाई है। इनके इलाज के लिए एक वार्ड खाली किया गया है। यहां भर्ती आंगनबाड़ी महिलाओं का मुफ्त में इलाज किया जा रहा हैं।
डॉ. सरवन कुमार ने कहा कि मौसम परिवर्तन होने के कारण ये महिलाएं डिहाइड्रेशन का शिकार हुई हैं। बता दें कि आंदोलनरत इन महिलाओं को न तो पौष्टिक भोजन मिल पा रहा है और न ही पर्याप्त मात्रा में जल। फिर भी सेविकाएं आरपार की लड़ाई लड़ने की मंशा में दिख रही हैं।