ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
झारखंड
रांची के 68 होटल, रेस्तरां और बार असुरक्षित, अग्निशमन विभाग द्वारा की गयी जांच में हुआ खुलसा
By Deshwani | Publish Date: 31/5/2018 3:32:57 PM
रांची के 68 होटल, रेस्तरां और बार असुरक्षित, अग्निशमन विभाग द्वारा की गयी जांच में हुआ खुलसा

रांची। आप अगर राजधानी के होटल, रेस्तरां, बार और क्लब में जा रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। यहां पर सिर्फ पांच सितारा होटल रेडिशन ब्लू ही फायर फाइटिंग सिस्टम से लैस है। शेष होटलों, रेस्तरां, बार व क्लब असुरक्षित हैं।

 
शहर में ऐसे 68 होटल, रेस्तरां, बार व क्लब हैं, जहां फायर फाइटिंग सिस्टम के मुकम्मल इंतजाम नहीं है। जबकि, ऐसे स्थानों पर हजारों  लोगों को आना-जाना लगा रहता है। यदि किसी प्रतिष्ठान में किसी वजह से आग लग जाती है, तो बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। रांची उपायुकत के पत्र के बाद अग्निशमन विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ है। इसकी पुष्टि प्रशासनिक अधिकारी ने की है। 
 
 पिछले दिनों गोपाल कॉम्प्लेक्स में हुआ हादसा यह बताने को काफी है कि फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं होना कितना नुकसानदायक है।राजधानी में सिर्फ रेडिशन ब्लू होटल को अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला हुआ है। जबकि, बाकी बिना अग्निशमन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र के ही चल रहे हैं। यह लोगों की जान-माल से खिलवाड़ है। अब देखना होगा कि उपायुक्त के स्तर से आगे क्या कार्रवाई होती है। हालांकि, जरूरत यह है कि सभी प्रतिष्ठानों के लिए अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक कर दिया जाये।
 
कई प्रतिष्ठानों में आने-जाने के लिए महज एक ही रास्ता है। जबकि, एक वैकल्पिक रास्ता होना चाहिए था। दुर्घटना की स्थिति में  वैकल्पिक रास्ता नहीं होना परेशानी का सबब बन सकता है। 
 
जांच में यह बात भी सामने आयी है कि कई होटलों में डिटेक्शन व अलार्मिंग सिस्टम नहीं है। अगर आग लग जाती है, तो इसकी जानकारी प्रारंभिक समय में पता भी नहीं चलेगा। रात में होटल में लोग आराम से सोये रहते हैं। संभव है कि जान-माल का नुकसान हो जाये। अभी तक क्या है नियम : अग्निशमन विभाग अपनी मर्जी  से किसी प्रतिष्ठान या संस्थान की जांच नहीं कर सकता। इसके लिए निगम और  जिला प्रशासन द्वारा जांच का निर्देश मिलने के बाद ही वह जांच करता है। 
 
कोई प्रतिष्ठान विभाग से जांच का आग्रह करता है, तो अग्निशमन विभाग फायर फाइटिंग को लेकर सुझाव देता है। उस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद विभाग की टीम जांच करती है। जब सभी उपकरण सही ढंग से काम करते पाये जाते हैं तब अग्निशमन विभाग अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करता है।
 
 
 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS