झारखंड
आनंद मार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी का 98वां जन्मदिन 30 अप्रैल को
By Deshwani | Publish Date: 28/4/2018 9:26:50 AMजमशेदपुर। आनंद मार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी का 98वां जन्मदिन 30 अप्रैल को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाएगा 30 अप्रैल को जमशेदपुर आनंद मार्ग आश्रम गदरा में धूमधाम से मनाया जाएगा इस अवसर पर 24 घंटे का "" बाबा नाम केवलम""अखंड कीर्तन नारायण सेवा चिकित्सा शिविर प्रीतिभोज एवं बच्चों के लिए आनंद मार्ग एवं आनंदमूर्ति जी के जीवन दर्शन संबंधित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन एवं कौशिकी एवं तांडव नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है कार्यक्रम के अंत में श्री श्री आनंदमूर्ति जी की वीडियो फिल्म भी दिखाई जाएगी 30 अप्रैल वैशाखी पूर्णिमा के दिन गुरु श्री श्री आनंदमूर्ति जी का जन्म 1921 में वैशाखी पूर्णिमा के दिन बिहार के जमालपुर में एक साधारण परिवार में हुआ था परिवार का दायित्व निभाते हुए सामाजिक समस्याओं के कारण का विश्लेषण उनके निदान ढूंढने एवं लोगों को योग साधना आदि की शिक्षा देने में अपना समय देने लगे सन 1955 में उन्होंने आनंद मार्ग प्रचारक संघ की स्थापना की श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने समझा कि जिस जीवन मूल्य भौतिकवाद को वर्तमान मानव अपना रहे हैं वह उनके ना शारीरिक व मानसिक और ना ही आत्मिक विकास के लिए उपयुक्त है अतः उन्होंने ऐसे समाज की स्थापना का संकल्प लिया जिसमें हर व्यक्ति को अपना सर्वांगीण विकास करते हुए अपने जीवन मूल्य को ऊपर उठाने का सहयोग प्राप्त हो।
उन्होंने कहा कि हर एक मनुष्य को शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में विकसित होने का अधिकार है और समाज का कर्तव्य है कि इस अधिकार को ठीक से स्वीकृति दें वह कहते हैं कि कोई भी घृणा योग्य नहीं किसी को शैतान नहीं कह सकते मनुष्य तब शैतान या पापी बनता है। जब उपयुक्त परिचालन पथ निर्देशन का अभाव होता है वह अपनी कुप्रवृत्तियों के कारण बुरा काम कर बैठता है यदि उनकी इन कुप्रवृतियों को सूप्रवृत्तियों की ओर ले जाए जाए तो वह शैतान नहीं रह जाएगा हर एक मनुष्य देवशिशु है इस तत्व को मन में रखकर समाज की हर कर्म पद्धति पर विचार करना उचित होगा।