रांची। झारखंड सरकार में हम साथ-साथ हैं कहे जाने वाली पार्टी भाजपा और आजसू सिल्ली और गोमिया विधानसभा के उपचुनाव को लेकर आमने-सामने आ गई है। आजसू द्वारा दोनों सीट पर दावेदारी जताने के बाद बीजेपी-आजसू में खटास पैदा हो गई है।
गोमिया से झामुमो विधायक योगेंद्र महतो और सिल्ली से झामुमो विधायक अमित महतो की सदस्यता समाप्त होने के बाद दोनों ही सीट पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है। ऐसे में चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन का दौर शुरू हो चुका है।
सहयोगी दल आजसू ने दोनों ही सीट पर दावा पेश कर भाजपा को सीधे-सीधे चुनौती दे डाली है। हालांकि आजसू इसके पीछे कारण बता है। पार्टी के मुताबिक, 'दोनों ही सीट महतो बेल्ट से है। सिल्ली से आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो कई बार विधायक रह चुके हैं। गोमिया सीट पर आजसू पिछली बार भी मजबूत स्थिति में थी, लेकिन गठबंधन के कारण यह सीट भाजपा को चली गई थी और आजसू के ही नेता योगेंद्र महतो ने पाला बदलकर झामुमो का दामन थामा और चुनाव जीत गए।'
आजसू का कहना है कि गोमिया उपचुनाव के लिए मंत्री चंद्रप्रकश चौधरी के करीबी लम्बोदर महतो ने राज्य प्रशासनिक सेवा से वीआरएस लेकर चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है।' आजसू उपाध्यक्ष हसन अंसारी ने कहा कि हर हाल में दोनों ही सीट पर पार्टी चुनाव लड़ेगी फिर चाहे दोस्ताना संघर्ष की ही स्थिति क्यों न बन जाए।
वहीं, आजसू की दावेदारी पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में भी आजसू सूबे के सभी 81 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार थी, लेकिन गठबंधन में मिली उन्हें सिर्फ आठ सीट मिली थी। ऐसे में दोनों ही उपचुनाव पर कौन दल कहां से लड़ेगा ये फैसला चुनाव की तिथि घोषणा होने के बाद ही होगा।