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झारखंड
चिंतन शिविर में भाजपा विधायकों की कम उपस्थिति से अटकलों का बाजार गर्म
By Deshwani | Publish Date: 8/2/2018 6:38:41 PM
चिंतन शिविर में भाजपा विधायकों की कम उपस्थिति से अटकलों का बाजार गर्म

रांची। झारखंड में भाजपा विधायकों के लिये आयोजित चिंतन शिविर में पार्टी के आधे से अधिक विधायकों के शामिल नहीं होने से अटकलों का बाजार गरमाने लगा है। रघुवर सरकार ने राज्य में विकास की गति तेज करने के लिये विचार-विमर्श और विधायकों के क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी लेने तथा सरकार के काम काज में उनके सुझाव को लेकर बुधवार को नेतरहाट में चिंतन शिविर का आयोजन किया था। लेकिन इसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास और मंत्रियों सहित सिर्फ 17 विधायक ही शामिल हुये। जबकि झारखंड में भाजपा के 43 विधायक हैं। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा और खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय भी कैबिनेट की बैठक के बाद आयोजित चिंतन शिविर में मौजूद नहीं थे। पार्टी के आधे से अधिक विधायकों की गैरमौजूदगी को लेकर यहां सत्ता के गलियारे में तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं। हालांकि पार्टी का कहना है कि कई विधायकों ने पूर्व में ही चिंतन शिविर में नहीं आने की सूचना दे दी थी।

पार्टी सूत्रों के अनुसार अन्य बातों के अलावा चिंतन बैठक आयोजित करने का मकशद इस बात का भी आकलन करना था कि सरकार के साथ कितने विधायक हैं। दरअसल रघुवर सरकार की कार्यशैली और कुछ नीतियों को लेकर विपक्ष के बाद अब सत्ता पक्ष के भी कुछ विधायक मुखर हो रहे थे। झारखंड लोक सेवा आयोग जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नियमों का पालन नहीं होने,राज्य की वर्तमान स्थानीय व नियोजन नीति आदि को लेकर विधान सभा के बीते माह सम्पन्न बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने आवाज उठाया था। बजट सत्र समाप्त होने के बाद स्थानीय और नियोजन नीति में संशोधन को लेकर सत्ता पक्ष के 26 विधायकों ने मुख्यमंत्री को संयुक्त पत्र भी लिखा। इनमें से कुछ बाद में सरकार से नराज चल रहे खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से भी इसे लेकर मुलाकात की थी। इसके बाद झारखंड भाजपा ने असंतुष्ट गतिविधियां शुरू हो गयी। कुछ विधायक दिल्ली भी गये। सरकार की ओर से असंतुष्ट विधायकों को मनाने की पहल भी शुरू हुई। इसके तहत नियोजन नीति की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। इसकी पहली बैठक भी बुधवार को नेतरहाट में हुई। कमेटी छत्तीसगढ, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में स्थानीय नीति का अध्ययन करेगी। असंतुष्टों की शिकायत दूर करने के लिए पार्टी के अदिवासी विधायक रामकुमार पाहन को समिति में शामिल किया गया है। मंत्री अमर कुमार बाउर की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया है कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता तब तक नियुक्तियां स्थगित रखी जाये। इस बीच सरकार ने असंतुष्टों की शिकायत दूर करने के लिए कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया है कि जेपीएससी छठी सिविल सेवा पीटी में न्यूनतम कट ऑफ मार्क्स लाने वाले मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे।

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