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झारखंड
विपक्ष के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही बाधित
By Deshwani | Publish Date: 29/1/2018 4:42:48 PM
विपक्ष के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही बाधित










रांची (हि.स.)। झारखंड विधानसभा की कार्यवाही विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से सोमवार को भी पूरी तरह बाधित रही। इस कारण भोजनावकाश के पूर्व कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी ।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही भाजपा के बिरंची नारायण के एक प्रश्न के प्रभारी मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने बताया कि बोकारो के एक बैंक में पिछले दिनों लॉकर से हुई चोरी के मामले में उपभोक्ता फोरम में ग्राहकों द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है । राज्य सरकार उपभोक्ता फोरम में अपील करने वाले ग्राहकों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी ।
इससे पूर्व कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ सदस्यों ने सदन को हाइजैक कर लिया है या सदन नहीं चलने देना चाहते हैं । उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था के तहत ही पक्ष-विपक्ष के सदस्यों की बात सुनी जा सकती है ,लेकिन जो स्थिति है उसे पूरे देश के लोग देख रहे हैं और झारखंड विधानसभा की छवि अच्छी नहीं बन रही है ।
झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रदीप यादव ने कहा कि विपक्ष के सदस्य सदन को सुचारु रूप से चलाना चाहते हैं लेकिन जो स्थिति बन रही है उसके दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं । इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस की इरफान अंसारी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अमित महतो द्वारा लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया । इनकी ओर से झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित पुलिस अवर निरीक्षक परीक्षा में बरती गई अनियमितता का मामला उठाया था ।
इस बीच अपनी पुरानी मांगों को लेकर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे । इनमें से कुछ सदन के बेल में आ गए ।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि पांच आदमी यदि तय कर लें कि सदन को नहीं चलने देना है तो सदन का कार्यवाही बाधित हो जाती है । इससे जनता के सवालों पर सदन में चर्चा नहीं हो पा रही है । उन्होंने कहा कि यह परिपाटी ठीक नहीं है, कुछ सदस्य प्रतिदिन बेल में आकर सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं ।
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष ने जो सवाल उठाए हैं उसका जवाब सरकार को देना चाहिए, आखिर हम सदन में जनता के हितों से जुड़े सवाल नहीं उठायेंगे तो और कहां उठायेंगे । उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे सदन को एकतरफा तरीके से चला रहे हैं । सोरेन ने कहा कि सदन क्यों नहीं चल रहा है इस पर उन्होंने भी मंथन किया है । सदन इसलिए नहीं चल रहा कि सरकार सदन के प्रति गंभीर नहीं है । जिन सवालों को विपक्ष की ओर से उठाया गया है, उसपर कोई कार्रवाई नहीं होने से अधिकारियों का मनोबल बढ़ रहा हैं । आदिवासियों, अनुसूचित जाति और कमजोर वर्गों पर लाठियां बरसायी जा रही है, विधायकों से अधिकारी बात नहीं करना चाह रहे हैं । सोरेन ने मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य पर भी आपत्ति जतायी जिसमें उन्होंने कहा है कि केला बेचने और स्कूटर बनाने के लिए जनसंख्या में वृद्धि नहीं की जानी चाहिए । झाविमो के प्रदीप यादव ने भी सोरेन का समर्थ किया उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से मुख्य सचिव, डीजीपी, और एडीजी को लेकर जो सवाल उठाए गए हैं, उनपर सदन में जवाब नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने जेपीएससी-जेएसएससी और तीनों अधिकारियों के मसले पर मुख्यमंत्री से जवाब देने की मांग की । इस बीच हंगामे की वजह से अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12.15 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी ।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने फिर से अपनी पुरानी मांगों को दोहराते हुए कहा कि सदन में विपक्ष की ओर से झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित छठी पीटी परीक्षा में आरक्षण नियमों के अनुपालन सही तरीके से नहीं हो पाने का मुद्दा उठाया गया था । बाद में राज्य सरकार ने भी इस परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय लिया है । उन्होंने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ,मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक जैसे सर्वोच्च पदों पर बैठे लोगों पर सवाल उठाए गए हैं, इन सवालों का सदन में इन सवालों पर सदन में जवाब नहीं मिल पा रहा है । उन्होंने जेपीएससी ,जेएसएससी ,मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के मसले पर मुख्यमंत्री से सदन में वक्तव्य देने की मांग की ।

भाजपा के मुख्य सचेतक राधा-कृष्ण किशोर ने विपक्षी सदस्यों के सदन में रवैया पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इन मुद्दों पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कार्य स्थगन प्रस्ताव अमान्य किया जा चुका है । उन्होंने कहा कि संसदीय परंपरा के तहत राज्यपाल के अभिभाषण और बजट सत्र के दौरान कार्य स्थगन प्रस्ताव सामान्य तौर पर नहीं लिए जाने की परंपरा रही है ,वहीं इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का वक्तव्य भी आ चुका है । उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक पर जो आरोप लगा रहे हैं उन आरोपों में कोई वित्तीय या प्रशासनिक अनियमितता अथवा आपराधिक कृत्यों से जुड़ा हुआ मामला नहीं है, इसलिए विपक्षी सदस्यों के दबाव में आकर सरकार कोई निर्णय नहीं ले सकती है । उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार के क्षेत्राधिकार का विषय है और सदन में विपक्षी सदस्यों के व्यक्तिगत एजेंडा या दबाव से किसी अधिकारी को नहीं हटाया जा सकता है ।
विपक्षी सदस्यों के शोर शराबा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को एक बार फिर से दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की और अपने कार्यालय कक्ष में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई । सदन की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के आम बजट पर चर्चा के लिए भाजपा के अनंत ओझा का नाम पुकारा । आनंद ओझा ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया विपक्षी सदस्य फिर से अपनी मांगों को लेकर शोरशराबा और हंगामा करने लगे जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही को अपराह्न 3:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।






 

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