खूंटी, (हि.स.)। ईसाई मिशनरियां सरना सनातन धर्म को नष्ट करने और हमारी संस्कृति को नष्ट करने के लिए कई तरह की साजिश कर रही हैं। सेवा की आड़ में प्रलोभन के बल पर विदेशी तत्वों के इशारे पर ईसाई मिशनरियां यहा धर्मांतरण करा रही हैं | जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रांतीय सयोजक संदीप उरांव ने शुक्रवार को कर्रा प्रखंड के जरियागढ़ पहानटोली गांव में आयोजित सरना सनातन धर्म रक्षा सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरना धर्म सनातन है। इसका न कोई आदि है और न ही अंत। हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने वाले तत्वों से हमें सवाधान रहने की जरूरत है। इसके पूर्व मुख्य अतिथि के अलावा विशिष्ट अतिथि सांसद कड़िया मुंडा, पूर्व विधायक कोचे मुंडा, वनवासी कल्याण केंद्र के क्षेत्रीय प्रमुख प्रणय दत्त, प्रांत जागरण श्रद्धा प्रमुख मुसाफिर विश्वकर्मा, प्रांतीय सह संगठन मंत्री सत्येंद्र सिंह आदि ने भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर सरना समाज के लोगों ने पारंपरिक ढंग से अतिथियों का स्वागत किया। सम्मेलन को वरिष्ठ समाजासेवी विनोद कुमार सोनी, विष्णु सोनी, घूरन राम, कृपा सिंधु बेहरा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिरसा पाहन और संचालन रामामधार सिंह ने किया। आगंतुकों का स्वागत जुरा नाग ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम में सरना समाज के नेता भीम सिंह मुंडा, गजेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, भवानी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के अलावा अन्य कई पहानों ने योगदान दिया। सम्मेलन में खूंटी, रांची, गुमला सहित अन्य जिलों के सरना धर्मावलंबियों ने भाग लिया।
समाज को तोड़ने वालों से सावधान रहें: कड़िया मुंडा
खूंटी: सम्मेलन में उपस्थित सरना धर्मावलंबियों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए सरना समाज के वरिष्ठ संरक्षक और सांसद कड़िया मुंडा ने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर समाज को तोड़ने की षडयंत्र कर रहे हैं। ऐसे तत्वों को हमें मुहतोड़ जवाब देना होगा। सांसद मुंडा ने कहा कि सेवा के नाम पर ईसाई मिशनरियां यहां के भोलेभाले आदिवासियों को बरगला कर उनका धर्मांतरण करा रही हैं। अब तो कानून भी बन गया है कि जबरन धर्मांतरण कराने वाले जेल जायेंगे। मुंडा ने कहा कि समाज को जो तोड़ने की बात करता है, उसे एकजुट होकर जवाब दें।
हमारी संस्कृति ही राष्ट्र शक्ति है: कोचे मुंडा
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरना समाज के नेता और पूर्व विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि ईसाई मिशनरियां सरना धर्म और संस्कृति को खराब बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरना समाज की परंपरा रही है कि हम हाथ मिला कर किसी का अभिवादन नहीं करते। भैंसुर से भूल कर भी सपर्श पाप समझा जाता है, पर ईसाई के लिए इन परंपराओं का कोई मोल नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेशों से शिक्षा, चिकित्सा के लिए मिलने वाली रकम को दुरुपयोग यहां की मिशनरियां धर्मांतरण के लिए कर रही हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि कुछ दिन पहले तक हर गांव में चर्च बनाये जा रहे थे, पर जैसे ही सरकार ने विदेशी सहायता पर रोक लगा दी, चर्च का निर्माण भी बंद हो गया। उन्होंने सरना समाज के नेताओं और आम लोगों का आह्वान किया कि वे अपने धर्म, संस्कृति और परंपरा को बनाये रखने के लिए एकजुट रहें और धर्मांतरण कराने वालों को खदेड़ दें।