रांची (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि युवा ही भारत का भविष्य हैं। युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, उनके कौशल क्षमता का विकास हो। देश के इतिहास में पहली बार युवाओं के कौशल क्षमता में विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष पहल कर अलग मंत्रालय बनाया और सुनियोजित प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हमने भी उसी अनुरूप कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया है। झारखंड सरकार भी युवाओं को कौशल युक्त कर रोजगार उपलब्ध कराने के अभियान को आगे बढ़ा रही है। रघुवर दास गुरुवार को निफ्ट द्वारा एक्सीलेंस इन मैन्युफैक्चरिंग एंड द न्यू होराइजन मैपिंग द पाथ वे विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निफ्ट को इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस घोषित करने की अनुशंसा की जाएगी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाउंड्री एंड फोर्ज़ टेक्नोलॉजी जैसा प्रतिष्ठित संस्थान झारखंड के लिए गर्व की बात है। निफ्ट की मानव संसाधन शक्ति पर झारखंड को नाज है। निफ्ट संस्थान के 50 गौरवशाली वर्ष पूरे करने पर भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में जहां 80 प्रतिशत युवा कौशल क्षमता से युक्त हैं वहीं हमारे देश के में यह 10 प्रतिशत के आसपास है, जबकि देश की 60 प्रतिशत आबादी युवा है।
रघुवर दास ने कहा कि कार्यशाला में इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए की हमारे देश के मैन्युफैक्चरिंग संस्थान जो प्रोडक्ट बनाते हैं, उनकी क्वालिटी सर्वश्रेष्ठ हो, जीरो डिफेक्ट हो, ताकि उनके प्रोडक्ट दुनिया भर में छा सकें। प्रोडक्ट की पैकेजिंग भी बहुत महत्वपूर्ण है अगर प्रोडक्ट बढ़िया हो और उसकी पैकेजिंग अच्छी हो तो पूरा विश्व उसके लिए बाजार बन सकता है। राज्य के जनजातीय समाज की हस्तकला अत्यंत उन्नत है, इसे राष्ट्रीय स्तर पर आधुनिक ढंग से किस प्रकार प्रस्तुत किया जा सके, इसके लिए निफ्ट प्रयास करे। हमारे झारखंड में पारंपरिक रूप से जो कौशल प्रतिभा विद्यमान है, गांव गांव में जो हुनरमंद लोग मौजूद हैं, निफ्ट इन्हें निखारने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका किस प्रकार निभा सकती है, कार्यशाला में इस पर भी विचार करें।
इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमेश पाण्डेय, उद्योग सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, निफ्ट के चेयरमैन प्रो पीपी चट्टोपाध्याय, एचईसी के चेयरमैन अभिजीत घोष, आईईआई के चेयरमैन संजय सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।