माले कार्यालय में शहीद डा. निर्मल की मूर्ति का अनावरण
दरभंगा, (हि.स.)। भाकपा(माले) के पूर्व महासचिव सुब्रत दत्त' जौहर, डीएमसीएच के पूर्व छात्र डॉ0 निर्मल, और रतन की 42वीं शहादत दिवस पर रेणु नागार्जुन सभागार, भाकपा( माले) के जिला कार्यालय रेणु-नागार्जुन सभागार में संकल्प सभा व शहीद निर्मल सिंह की प्रतिमा के अनावरण समारोह का आयोजन किया गया। राजनीतिक साजिश के तहत हटाए गए डीएमसीएच में स्थापित डॉ निर्मल की मूर्ति को बुधवार को पंडासराय स्थित भाकपा (माले) कार्यालय प्रांगण में स्थापित किया गया है।
डॉ0 निर्मल की मूर्ति का अनावरण उनके सहपाठी रहे डीएमसीएच के रिटायर्ड वरिष्ठ चिकत्सक डॉ0 बीएनपी यादव, डॉक्टर अजीत कुमार चौधरी, माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, वरिष्ठ नेता आर के साहनी, लक्ष्मी पासवान, गंगा मंडल व अन्य सैकड़ों माले नेताओं की मौज़ूदगी में किया गया और डॉक्टर निर्मल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। डॉ0 निर्मल सिंह की मूर्ति स्थापना समारोह के मुख्य वक्ता के बतौर बोलते हुए डीएमसीएच के पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष वरिष्ठ चिकत्सक डॉ अजित चौधरी ने कहा कि डॉ निर्मल सिंह ने तत्कालीन सवर्ण-सामन्ती शक्तियों व मनुवादियों से लोहा लेते हुए दलित-पिछड़ों को गुलाम मानसिकता से आज़ादी दिलाने की लड़ाई लड़ते हुए अपनी शहादत दी थी। उन्होंने कहा कि डा. निर्मल आज भी उन सवर्ण- सामन्ती मानसिकता वाली शक्तिओं के आँख के किरकिरी बने हुए हैं। इसीलिए उनकी मूर्ति के स्थापना मात्र-से ही उन्हें डर लगने लगा था। लेकिन डा निर्मल के मूर्ति की स्थापना कर आज उन प्रतिक्रियावादी शक्तियों को करारा जवाब दिया गया हैं।
भाकपा(माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा ने बतौर विशिष्ठ अतिथि कहा कि आज देश में फासीवादी राज कायम किया जा रहा हैं और विरोध करने वाले, सवाल करने वाले तर्क करने वालों की हत्या तक कर डाली जा रहा हैं। गौरी लंकेश, दाभोलकर, पानसरे और कलबुर्गी जैसे लेखक-पत्रकार बुद्धिजीवी की हत्या करवाई गई। हैदराबाद वि0वि0 के शोधार्थी दलित छात्र रोहित बेमुला की सांस्थानिक हत्या, दलित दावेदारी के नेता चंद्रशेखर रावण को जमानत मिल जाने के बाद भी रासुका लगा कर जेल में बंद रखे जाना, लव जेहाद व खाप के नाम पर लड़कियों की आज़ादी पर हमला, बीएचयू में छात्राओं के आंदोलन पर लाठीचार्ज करना ये सभी फासीवादी हमले के ही परिचायक हैं। उन्होंने कहा कि डॉ निर्मल सिंह के शहादत दिवस पर इन फासीवादी हमले के खिलाफ मुक्कमल लड़ाई को मज़बूत करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सभा को सम्बोधित करते हुए डी एम सी एच के सेवानिवृत वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएनपी यादव ने कहा कि डॉ निर्मल सिंह जैसे हजारों कुर्बानी से जो लड़ाई आगे बढ़ी उसे एक बार फिर छीनने की साजिश रची जा रही हैं। इन साजिशों के खिलाफ लड़ाई को तेज करना होगा। सभा में उपस्थित भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता आर के सहनी व खेग्रामस प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी पासवान ने कहा कि डा निर्मल सिंह डी एम सी एच में भोजपुर से डॉक्टर बनने आये थे किंतु डी एम सी एच विद्यमान सवर्ण सामंती हमलों के हालात ने उन्हें एक संघर्षशील कॉम्युनिस्ट क्रांतिकारी बना दिया। उन्होंने अपने व्यक्तिगत कैरियर और परिवार की सेवा को प्राथमिकता दिए जाने के बजाय आम लोगों की सेवा में अपना सर्वस्व लुटा दिया।