झारखंड
बूढ़ा पहाड़ के निकट पुलिस-नक्सली मुठभेड़, 6 नक्सली घायल
By Deshwani | Publish Date: 25/11/2017 8:28:52 PMरांची, (हि.स.)। गढ़वा के बूढ़ा पहाड़ के करीब चेमो सान्या गांव में भीषण मुठभेड़ की सूचना है। माओवादियों के साथ पुलिस और सीआरपीएफ की मुठभेड़ में 6 नक्सलियों को गोली लगने की सूचना है।
बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों को खदेड़ने के लिए चल रहे अभियान के दौरान शुक्रवार को एक के बाद एक कई धमाके गांव के लोगों ने सुने थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार इसके बाद शनिवार को वहां बम डिफ्यूज करने के माहिर जवानों की भी तैनाती की गयी है। मुठभेड़ के बाद सर्च पर निकले जवानों ने घटनास्थल पर खून के धब्बे देखने की बात कही। साथ ही छह नक्सलियों के गोली लगने की भी बात कही।
बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों ने सेफ जोन बना रखा है। झारखंड के लातेहार, गढ़वा और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के बीच में पड़ने वाले बूढ़ा पहाड़ के आस-पास नक्सलियों ने लैंडमाइंस लगा रखी हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ दिनों में हुई मुठभेड़ों में 15 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है। नक्सलियों की जानकारी देने पर उचित इनाम की घोषणा भी पुलिस द्वारा की गयी है। सूत्रों के अनुसार वहां माओवादी के एक करोड़ के इनामी नक्सली अरविंद जी के साथ शीर्ष कमांडर सरगना तेलंगाना के सुधाकरन और उसकी पत्नी जया वहीं के माओवादी विश्वनाथ प्लाटून के साथ मौजूद हैं। इन माओवादी कमांडो के साथ करीब 80 से 100 की संख्या में दस्ता के सदस्य भी बूढ़ा पहाड़ पर मौजूद है। जो अत्याधुनिक विस्फोटकों और अत्याधुनिक ऑटोमेटिक हथियारों से लैस हैं। दंडकारण्य से आया माओवादी विस्फोटक विशेषज्ञ विश्वनाथ बूढ़ा पहाड़ जाने वाले रास्तों पर आईईडी लगा कर उसे सेफ जोन बना चुका है।
माओवादियों के निशाने पर बूढ़ा पहाड़ का छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार का ट्राई जंक्शन का एप्रोच रोड है। झारखंड की ओर से बूढ़ा पहाड़ पर जाने का रास्ता काफी दुर्गम है। काफी परेशानी के साथ सुरक्षा बल ऊपर जाते हैं। ऐसे में ऊपर बैठे नक्सली द्वारा आसानी से पुलिस को निशाना बनाए जाने की आशंका बनी रहती है। झारखंड पुलिस की सक्रियता की वजह से माओवादियों ने पहाड़ पर जाने के लिए रास्ता ही बदल दिया है। माओवादी झारखंड के बदले छत्तीसगढ़ की ओर से बूढ़ा पहाड़ पर चढ़ रहे हैं। इस वजह से अब झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस आपसी समन्वय बनाकर अभियान चला रही हैं। इस अभियान में अब तक 20 से ज्यादा जवान भी घायल हो चुके हैं। पुलिस के लगातार अभियान से नक्सली बौखला गये हैं। उनका राशन-पानी सहित अन्य सामान भी बूढ़ा पहाड़ पर नहीं पहुंच रहा है।