रांची, (हि.स.)। झारखंड सरकार 15 नवम्बर को 17वें स्थापना दिवस समारोह को ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शहर को साफ और सुंदर बनाने की कवायद तेज है। शहर के सौंदर्यीकरण में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ग्रामीण जनजातीय कलाओं को प्रमुखता दी है।
एक ओर जहां रात में दिवाली सी जगमगाती राजधानी के लिए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से लेकर मोरहाबादी मैदान, राजभवन तक जाने वाले तमाम रास्तों में रोप लाइट से बिजली के खंभों को सजाया गया है। वहीं दिन में रंग-बिरंगी राजधानी के लिए सरकार ने ग्रामीण कलाकारों का सहयोग लिया है।
हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पेंटिग का काम पूरा कर लिया गया है। जयश्री ने कहा कि इससे एक ओर कला को तो पहचान मिल ही रही है। साथ ही महिलाएं सशक्त और स्वावलम्बी हो रही हैं। उन्हें रोजगार भी मिल रहा है। घर की देहरी से बाहर नहीं निकलने वाली ये महिलाएं आज एक हाथ कूची और दूसरे हाथ में पेंट लेकर जब चारदिवारी और कैनवाश पर सोहराई आर्ट की कला उकेरती हैं, तो लोग देखते ही रह जाते हैं।
बिरसा चौक से रातू रोड तक के डिवाइडर सहित शहर के सभी प्रमुख दीवारों को सोहराई पेंटिंग से सजाया गया है। एयरपोर्ट से निकलते ही सड़कों के किनारे की दीवारों पर आकषर्क पेंटिग्स पूरे रास्ते नजर आने लगी है। सरकारी भवनों के दीवारों के साथ-साथ निजी भवनों के दीवारों पर भी सोहराई पेंटिग्स को उकेरा गया है। सोहराई पेंटिग के माध्यम से झारखंडी कला-संस्कृति को उकेरा गया है। दीवारों पर उकेरी गयी झारखंड की संस्कृति और आदिवासी जनजीवन, छउ नृत्य, शिकार परम्परा लोगों को आकर्षित कर रही है।
वहीं झारखंड की रहन-सहन, परम्परा और जल-जंगल पर आधारित जीवन को चहारदीवारी पर बड़ी खूबसूरती से उकेरा गया है। दीवारों पर की गई कलाकृति में एक ओर जहां सोहराई पेटिंग के माध्यम से यहां की प्रकृति, कृषि, पशु, नृत्य इत्यादि को दिखाया गया है, वहीं झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी, संस्कृति, खेल-कूद, रहन-सहन, पहनावा, खान-पान सहित प्रमुख लोगों की जीवनी से संबंधित पेटिंग्स प्रदर्शित की गयी है।
खास तौर पर झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी धरती आबा बिरसा मुंडा की जीवनी को प्रदर्शित किया गया है। वहीं खेल के क्षेत्र में यहां से राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना दमखम दिखाने वाले खिलाड़ियों का भी चित्रण किया गया है।