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एलएसी पर चल रहे विवाद के बीच डोकलाम में खुद को मजबूत करने में जुटा चीन, भारत की पैनी नजर
By Deshwani | Publish Date: 22/8/2020 5:23:38 PM
एलएसी पर चल रहे विवाद के बीच डोकलाम में खुद को मजबूत करने में जुटा चीन, भारत की पैनी नजर

नई दिल्ली। एलएसी पर चल रहे विवाद के बीच चीन अब डोकलाम में खुद को मजबूत करने में जुटा हुआ है। एक ओर जहां वह भारत के साथ संघर्ष पर विराम लगाने के लिए बातचीत कर रहा है तो दूसरी ओर अपनी चालबाजी भी दिखा रहा है। 2017 में डोकलाम में हुए विवाद में चीन को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी और 73 दिन चले गतिरोध के बाद चीनी सैनिक पीछे हटे थे। एक बार फिर डोकलाम मुद्दे को चीन हवा देने की कोशिश कर रहा है। चीन अपनी चालबाजी के जरिए भारत को लगातार घेरने की कोशिश कर रहा है। इसी के तहत वह भारत के पड़ोसी देशों को भी साधने की कोशिश में है। पिछले दिनों चीन के मंत्री को गुपचुप तरीके से तिब्बत के पास एलएसी का दौरा करते हुए देखा गया था।
 
इंटेलिजेंस एजेंसी के मुताबिक चीन ने जून और जुलाई में डोकलाम के पास निर्माण कार्य किए थे। 2017 में जिस काम को चीन ने रोका था वहां से उसने अपने काम को आगे बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। मौजूदा विवाद के बीच चीन अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रहा है। तोरसा नाला के अब उस इलाके में भी चीन अपने सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। जानकारी के मुताबिक 20 जून से 6 जुलाई के बीच नॉर्थ डोकलाम में सिंच-ला दर्रा और तोरसा नाला के करीब चीन ने एक दीवार पर निर्माण कार्य किया है। इतना ही नहीं, सिंच-ला दर्रा के दक्षिण पूर्व में भी चीन ने एक इमारत तैयार किया है। सूत्रों के इस दावे को इसलिए भी मजबूती मिल रही है क्योंकि सिंच-ला के पश्चिम की तरफ चोटियों पर करीब 13 इलेक्ट्रिक पोल दिखाई दिए है।
 
चीन डोकलाम क्षेत्र में पड़ने वाले पैदल रास्तों को भी अपडेट करने की कोशिश कर रहा है। इस इलाके में चीन ने अपने सर्विलांस सिस्टम को इतना मजबूत कर लिया है कि उसे भारतीय सेना पर निगरानी रखने में अच्छी खासी मदद मिल रही है। चीन ने यहां हाई रेजोल्यूशन कैमरा लगाया है जो पूरे इलाके में भारतीय सेना के मूवमेंट की निगरानी कर रहे है। हालांकि चीन के इस चाल पर भारत की कड़ी नजर है। भारत चीन के हर एक हरकत पर पूरी तरह से ध्यान दे रहा है। भारतीय सेना सतर्क है और इलाके में सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। चीन फिलहाल एलएसी पर किसी भी नापाक हरकत को अंजाम देने की कोशिश कर सकता है। ऐसे में भारतीय सेना उसे कोई भी मौका नहीं देना चाहती।
 
चीनी मंत्री इस वक्त तिब्बत का खूब दौरा कर रहे हैं। तिब्बत पर चीन लगातार अपना दावा करता है, हक जताता है लेकिन वहां के लोगों के प्रति उसकी जिम्मेदारी ना के बराबर है। पर वर्तमान में चीनी मंत्रियों के तिब्बत दौरे से वहां के लोगों के मन में संदेह उठने लगे है। यहां तक कि चीन के विदेश मंत्री भी तिब्बत से सटे भारत के बॉर्डर तक का दौरा किया है। चीन को इस बात का भी डर है कि भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच कहीं तिब्बत में उसके खिलाफ विद्रोह ना बढ़ जाए। आपको बता दें कि 2017 में भी चीन ने डोकलाम के पास सड़क बनाने की मिलने की कोशिश की थी। भारत ने तुरंत रुकवा दिया था। यह इलाका भूटान का था। डोकलाम एक ट्राई जंक्शन है जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है।
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