ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
अंतरराष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री मोदी, दुनिया जितना कर रही वह पर्याप्त नहीं
By Deshwani | Publish Date: 24/9/2019 11:15:24 AM
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री मोदी, दुनिया जितना कर रही वह पर्याप्त नहीं

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिहाज से आदतों में बदलाव लाने के लिए एक वैश्विक जन आंदोलन की जरूरत बताई और भारत के गैर-परंपरागत (नॉन फॉसिल) ईंधन उत्पादन के लक्ष्य को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 450 गीगावाट तक पहुंचाने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की चुनौती का सामना करने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने और विश्व स्तर पर एक जन आंदोलन खड़ा करने की आवश्यकता है।

 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ओर से जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सम्मेलन में  प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति के प्रति सम्मान और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि हम आवश्यकता (नीड) को महत्व दें, लोलुपता (ग्रीड) को नहीं। उन्होंने कहा कि बात करने का समय अब खत्म हो गया है और सबको मिलकर जलवायु परिवर्तन को रोकने से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम करना होगा।

 
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ऐसी व्यापक कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए जिसमें शिक्षा मूल्य, दर्शन और जीवनशैली का समावेश हो। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उपदेश देने के बजाय व्यवहारिक कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने एक कहावत का जिक्र किया कि ‘एक औंस का व्यवहार, एक टन के उपदेश से ज्यादा मूल्यवान है।’ उन्होंने कहा कि शुद्ध जल सुनिश्चित कराने के लिए सरकार ने जल संरक्षण और वर्षा के पानी को एकत्र करने की मुहिम शुरू की है। जल जीवन नामक योजना पर अगले कुछ वर्षों के दौरान 50 अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वच्छ ईंधन के रूप में देश के 15 करोड़ लोगों को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। मोदी ने अपनी सरकार की एक अन्य पहल का जिक्र करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर हमने एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। मोदी ने कहा कि भारत की पहल पर शुरू किए गए सौर ऊर्जा गठबंधन में अब तक 80 देश शामिल हो गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए स्वच्छ और निरापद ईंधन के इस्तेमाल के उद्देश्य के लिए इस क्षेत्र के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया है। पुराने ईंधन की जगह नए ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समूह का गठन किया गया है, जिसमें भारत और स्वीडन शामिल हैं। मोदी ने कहा कि कम कार्बन उत्सर्जन वाली प्रणाली को अपनाने के लिए यह समूह उद्योग जगत को प्रेरित करेगा। 
 
पीएम मोदी ने कहा कि भारत प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में सक्षम नई व्यवस्था की स्थापना के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की शुरुआत कर रहा है। उन्होंने विभिन्न देशों से आग्रह किया कि वह आधारभूत ढांचे के संरक्षण के प्रकृतिक आपदा में नष्ट होने की स्थिति में पुनःनिर्माण पर केन्द्रीय इस गठबंधन में शामिल हों। मोदी ने कहा कि मंगलवार को वह संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से स्थापित सौर ऊर्जा प्रणाली का उद्घाटन करेंगे। भारत ने मुख्यालय के भवन पर अक्षय ऊर्जा के लिए सोलर पैनल स्थापित किए थे।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS