अंतरराष्ट्रीय
दुनिया को 20 फीसदी ऑक्सीजन देने वाले अमेजन के जंगलों में भयंकर आग, 47 हजार वर्ग किमी जंगल जलकर खाक
By Deshwani | Publish Date: 23/8/2019 12:06:07 PMलॉस एंजेल्स। करीब तीन हफ्ते से अमेजन नदी घाटी में फैले वर्षा वन जल रहे हैं। अब तक 47 हजार वर्ग किमी जंगल खाक हो चुके हैं। यह आंकड़ा कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इससे लगाएं कि भारत के सभी 110 नेशनल पार्क करीब 41 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में हैं। करीब 55 लाख वर्ग किमी के अमेजन के जंगल ‘धरती के फेफड़े’ कहे जाते हैं। यहां से दुनिया की जरूरत की 20 प्रतिशत ऑक्सीजन मिलती है।
ब्राज़ील में 'अमेजन' के जंगलों में आग लगने से दुनिया भर के पर्यावरणविदों की नींद उड़ गई है। आग लगने से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में खासकर साओ पाओलो में दिन ढलने से पहले ही चारों ओर अंधेरा छा रहा है। इसका असर एटलांटिक कोस्ट के दो हजार मील तक देखा जा रहा है। नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च के सैटेलाइट डाटा की बात करें तो इस वर्ष ब्राजील के दो प्रांतों में अमेजन की खूबसूरत वादियों के 85 प्रतिशत क्षेत्र में आग लगी है। ब्राजील के उत्तरी प्रांत खासकर रोराइम, एकर, रोंडाना और अमेजोनास के अधिकतर भाग आग से प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों को स्वच्छ वायुमंडल के लिए फेफड़े का रूप दिया जाता रहा है। अमेजन देश का सबसे बड़ा प्रांत है। वहां आपात स्थिति घोषित कर दी गई है।
अधिकृत डाटा के अनुसार ब्राजील में इस वर्ष 75 हजार अग्निकांड हुए हैं, जबकि वर्ष 2018 में 39 हज़ार 759 आग्निकांड हुए थे। बताया जाता है कि अमेजन में ग़र्मी के दिनों में जुलाई से अक्टूबर के बीच आग की घटनाएं होती रहती हैं। इसका एक कारण यह भी है कि किसान अपनी अगली पैदावार के लिए खेती योग्य ज़मीन बनाने हेतु पुरानी फसलों की घास-फूस जलाते हैं। इसके लिए पर्यावरणविद् ब्राज़ील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनरो को भी दोषी ठहराते हैं, जिन्होंने पेड़ों की कटाई को प्रोत्साहन दिया है, जबकि राष्ट्रपति ग़ैर सरकारी संगठनों को पेड़ों की कटाई का दोषी मानते चले आ रहे हैं। हालांकि राष्ट्रपति ने यह तो स्वीकार किया है कि सरकार के पास संसाधनों की कमी है।