अंतरराष्ट्रीय
विदेश मंत्री जयशंकर की चीन यात्रा के दौरान हुए पांच समझौते, मानसरोवर यात्रा का विस्तार करने के चीन की ओर से आये सुझाव का किया स्वागत
By Deshwani | Publish Date: 13/8/2019 12:03:39 PMबीजिंग/नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के तीन दिन के दौरे पर हैं। ये दौरा ऐसे वक़्त में हो रहा है जब कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। विदेशमंत्री एस जयशंकर की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने का फैसला किया और पांच करारों व समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। चीन ने अपनी ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा का विस्तार करने की पेशकश की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारी वार्ता का एक प्रमुख मुद्दा राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखरवार्ता रहा। यह शिखवार्ता इस वर्ष भारत में आयोजित होगी। दोनों विदेशमंत्रियों ने भारत-चीन के बीच राजनियक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर अगले वर्ष होने वाले कार्यक्रमों पर भी चर्चा की। विदेशमंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा का विस्तार करने के बारे में चीन की ओर से आये सुझाव का स्वागत किया। चीन के सुझाव का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है।
एस जयशंकर और चीन के विदेशमंत्री वांग यी की सोमवार को संपन्न वार्ता के बाद जिन करारों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये गए, उनमें वर्ष 2020 के दौरान द्विपक्षीय संपर्कों की कार्ययोजना शामिल है। दोनों विदेशमंत्रियों ने तय किया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वुहान शिखर वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप ‘निकट विकासपरक साझेदारी’ को मजबूत किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वुहान अनौपचारिक शिखर वार्ता की अगली कड़ी के रूप में इस वर्ष चीनी राष्ट्रपति और मोदी भारत में वार्ता करने वाले हैं जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के तुरन्त बाद विदेशमंत्री की चीन यात्रा को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा था। जयशंकर की यह यात्रा पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी की बेजिंग यात्रा के कुछ दिन बाद हुई है। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार जयशंकर ने चीन के नेताओं को सरकार के फैसले की पृष्ठभूमि और औचित्य समझाया। विदेशमंत्री ने चीन के नेताओं से कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे की चिंताओं और संवेदनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए।
भारत और चीन ने जिन करारों पर हस्ताक्षर किये उनमें चीन की परंपरागत औषधियों और भारत की आयुष पद्धत्तियों के विकास और उनके प्रचलन के लिए सहयोग करना शामिल है। दोनों देशों ने राष्ट्रीय खेल संस्थाओं, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच संपर्क बढ़ाने सम्बन्धी करार भी किया। दोनों पड़ोसी देशों ने पुरातत्व और संग्रहालय के सरंक्षण और विकास के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमति जाहिर की।