अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर अलापा कश्मीर राग, कहा- जरूरत पड़ी तो करना चाहूंगा मामले में मध्यस्थता
नयी दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है लेकिन अगर दोनों एशियाई पड़ोसी देश इस दशकों पुराने विवाद को सुलझाने में उनकी मदद चाहेंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं। ट्रंप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पिछले हफ्ते हुई बैठक का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने कश्मीर विवाद को सुलझाने में मदद की पेशकश की थी। भारत ने इस पेशकश को खारिज कर दिया था जबकि पाकिस्तान ने ट्रंप के बयान पर खुशी जाहिर की थी।
कश्मीर पर मध्यस्थता की उनकी पेशकश को भारत की ओर से खारिज किए जाने पर पूछे गए एक सवाल पर ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, यह (मध्यस्थता की पेशकश स्वीकार करना) पूरी तरह प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी जी) पर निर्भर करता है। ट्रंप से जब भारत द्वारा मध्यस्थता की पेशकश खारिज किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस संबंध में जानने के लहजे में सवाल किया कि उन्होंने पेशकश स्वीकार की या नहीं?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मेरे विचार में वे बेहतरीन लोग हैं-मेरा मतलब खान और मोदी से है। मुझे लगता है कि दोनों के बीच इस पर अच्छे से बीतचीत हो सकती है लेकिन अगर वे चाहते है कि उनकी मदद के लिए कोई हस्तक्षेप करे...और मैंने पाकिस्तान से भी इस बारे में बात की और भारत से भी। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि कश्मीर मुद्दा लंबे अंतराल से चल रहा है। ट्रंप से उन्होंने जब पूछा कि वह कैसे कश्मीर मुद्दा सुलझाना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि अगर वे चाहेंगे तो, मैं निश्चित तौर पर हस्तक्षेप करुंगा। ट्रंप ने पिछले हफ्ते अपने ओवल ऑफिस में खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भारत को यह कह कर चौँका दिया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता की मांग की थी।
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में अमेरिका का तीन दिवसीय दौरा किया था। डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात के बाद इमरान और ट्रंप ने सयुंक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इसी दौरान इमरान खान ने ट्रंप को संबोधित करते हुए कहा कि आप दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के सबसे ताकतवर शख्सियत हैं। अगर आप कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मध्यस्था करेंगे तो करोड़ों लोग आपको दुआ देंगे। इसके जवाब में कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री ने भी उनसे इस मसले पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। उन्हें खुशी होगी अगर मध्यस्थता से कोई राह निकलती हो तो।
ट्रंप के इस बयान के बाद अंतराष्ट्रीय राजनीति हलकों में बवाल मच गया। हर कोई जानता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते के मुताबिक कश्मीर के मामले में भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत होगी। किसी भी परिस्थिति में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है। जैसे ही ट्रंप को वो बयान आया विपक्ष ने हंगामा कर दिया। विपक्षी पार्टी के नेता मांग करने लगे की प्रधानमंत्री मोदी सदन में आकर इस पर स्पष्टीकरण दें। हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने तुरंत इसका खंडन किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया।
केवल सत्ताधारी पार्टी के नेता ही नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं कहा होगा। यही नहीं, अमेरिकी सिनेट के भी कई सदस्यों ने इसका खंडन किया और अमेरिका में मौजूद भारतीय राजदूत से माफी मांगी। अब राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से इसका राग अलापा है।