वाशिंगटन। व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा है कि जापान में अगले महीने होने वाले जी-20 आर्थिक सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग की मुलाकात की प्रबल संभावना है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुडलो ने रविवार को एक टीवी पर साक्षात्कार देते हुए कहा कि इस मुलाकात की संभावना अच्छी है लेकिन अमेरिकी और चीनी वार्ताकारों की अगली मुलाकात कब होगी इसके लिए कोई ठोस योजना तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि चीन पहले से ही आर्थिक विकास दर में पिछड़ रहा है और अब 200 अरब डालर के आयातित माल पर अतिरिक्त 15 प्रतिशत अर्थात कुल 25 फीसदी सीमा शुल्क लगने से आर्थिक विकास दर पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। मौजूदा वित्त वर्ष में चीन की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 6.4 फीसदी है, जो पिछले अनुमानों से कम है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका की ओर से सीमा शुल्क लगाए जाने के विरोध में चीन भी बदले की कार्रवाई कर सीमा शुल्क में वृद्धि करेगा तो उसकी पीड़ा भी आम अमेरिकी उपभोक्ताओं को भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यह पीड़ा 400 डालर प्रति परिवार हो सकती है।
लैरी कुडलोव ने रविवार को फाक्स न्यूज़ पर एक साक्षात्कार में कहा कि अगले महीने 28 और 29 जून को जापान के ओसाका नगर में आयोजित ग्रुप बीस देशों के शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्यापार युद्ध के मुद्दे पर वार्ता हो सकती है। उन्होंने इस संभावित शिखर वार्ता के बारे में कोई विवरण तो नहीं की, लेकिन इतना कहा कि दोनों देशों के बीच यह एक अच्छा मौक़ा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने रविवार को ट्वीट कर चीन से आयातित 200 अरब डालर के माल पर 25 फीसदी सीमा शुल्क लगाए जाने के अपने निर्णय को सही ठहराया है। ट्वीट में कहा गया है कि चीन ने वार्ता तोड़ी, फिर से शुरू की। अब अमेरिकी निर्माताओं के सम्मुख एक विकल्प है कि वे सीमा शुल्क वाली वस्तुओं को अपने देश में बनाएं अथवा जिन देशों पर सीमा शुल्क की शर्तें आयद नहीं होती हैं, उनसे आयात करें।