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रक्षा और सुरक्षा संबंधों को आगे बढ़ाएंगे भारत-अमेरिका, रक्षा मंत्रियों की बैठक में लिया गया फैसला
By Deshwani | Publish Date: 4/12/2018 4:31:24 PM
रक्षा और सुरक्षा संबंधों को आगे बढ़ाएंगे भारत-अमेरिका, रक्षा मंत्रियों की बैठक में लिया गया फैसला

वॉशिंगटन। रक्षा मंत्री सीतारमण ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से मुलाकात की और इस दौरान भारत और अमेरिका रक्षा तथा सुरक्षा संबंध तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। मुलाकात में मैटिस ने भारत को पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र तथा विश्व भर में ‘‘स्थाइत्व प्रदान करने वाली ताकत’’ बताया। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने अपनी भारतीय समकक्ष के साथ पेंटागन में चौथे दौर की बैठक में सीतारमण का स्वागत किया। भारतीय रक्षा मंत्री अमेरिका की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। यहां से वह कैलिफोर्निया में रक्षा मंत्रालय के डिफेंस इनोवेशन यूनिट तथा हवाई में हिंद प्रशांत कमान मुख्यालय जाएंगी।

 
मैटिस ने सोमवार को सीतारमण का पेंटागन में दोनों नेताओं के लिए हुई प्रतिनिधि स्तर की बैठक में स्वागत करते हुए कहा, ‘‘अमेरिका और भारत ने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के शब्दों में, अतीत से चली आ रही हिचकिचाहटों को दूर किया, दोनों देशों ने मित्रता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए यह स्पष्ट किया कि सामरिक स्वायत्तता और सामरिक साझेदारी के बीच, कहीं कोई विरोधाभास नहीं है।’’ 
 
सीतारमण ने अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरूआत विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय से की, जहां उन्होंने दिवंगत राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश के लिए शोक पुस्तिका में शोक संदेश लिखा। इसके बाद वह आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री गईं जहां उन्होंने अज्ञात सैनिकों की कब्र पर पुष्पचक्र समर्पित किया। मैटिस ने कहा, ‘‘आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री में आज सुबह अपने देश की ओर से सम्मान व्यक्त करने के लिए हमारे मंत्रालय और हमारे सभी सेनाकर्मियों की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं।’’ 
 
उन्होंने कहा कि सीतारमण की ओर से पुष्पांजलि अर्पित करना यह दिखाता है कि अमेरिका-भारत सैन्य संबंध केवल शब्दों से ही परिभाषित नहीं हैं बल्कि दोनों देशों के बलिदान तथा शांति, मित्रता और स्वतंत्रता को लेकर उनकी साझेदारी के मानवीय पहलू पर आधारित हैं। मैटिस ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों ने अपने बीच भिन्न संस्कृति तथा भिन्न इतिहास होने के बावजूद नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए सिद्धांतों, मूल्यों और सम्मान को साझा किया है। मैटिस ने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत संबंध विश्व के प्राचीनतम और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच स्वाभाविक साझेदारी है।’’ 
 
सीतारमण की यह वाशिंगटन डीसी की पहली यात्रा है लेकिन एक साल में दोनों नेताओं की यह चौथी मुलाकात हैं जो भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दिखाती है। उन्होंने कहा ‘‘सितंबर में आपके देश की मेजबानी में नयी दिल्ली में टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता होने के बाद खास तौर पर अमेरिका भारत रक्षा सहयोग में हमने सार्थक प्रगति की है।’’ मैटिस ने कहा ‘‘क्षेत्र में और पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा को आगे बढ़ाने में और इसके लिए एक स्थिरताकारक ताकत के तौर पर भारत के नेतृत्व की अमेरिका सराहना करता है।’’ 
 
वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सीओएमसीएएसए पर हस्ताक्षर किए थे जो भारत को आधुनिक सैन्य हार्डवेयर प्राप्त करने की अनुमति देता है। सीतारमण ने टू प्लस टू बैठक को ऐतिहासिक घटनाक्रम बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक विचारविमर्श का आधार तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में सितंबर में संपन्न और अक्टूबर में सिंगापुर में संपन्न टू प्लस टू द्विपक्षीय बैठकें सकारात्मक और सार्थक रहीं। मैटिस के साथ बैठक की शुरूआत में सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास तथा रक्षा साझेदारी में भरोसा बढ़ रहा है।
 
 
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