ब्यूनस आयर्स। अमेरिका और चीन में अतिरिक्त शुल्क पर अस्थायी विराम लगाने की सहमति बनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शनिवार को अर्जेंटीना में वार्ता होने के बाद ह्वाइट हाउस ने कहा कि दोनों देशों ने 90 दिनों के भीतर समझौते पर पहुंचने का लक्ष्य तय किया है। ह्वाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि ट्रंप एक जनवरी को चीन से 200 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 25 फीसदी नहीं करने के लिए सहमत हो गए। उन्होंने पहले एक जनवरी को शुल्क में बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी।
चीन भी बड़े पैमाने पर कृषि, ऊर्जा, औद्योगिक व अन्य सामान खरीदने पर राजी हो गया। वह कितनी खरीदारी करेगा इसकी घोषणा नहीं की गई। चीन नीदरलैंड्स की कंपनी एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स का अधिग्रहण करने के लिए अमेरिकी कंपनी क्वालकॉम के सौदे को भी मंजूरी दे सकता है, यदि यह प्रस्ताव फिर से आए।
चीन ने पहले इस सौदे को खारिज कर दिया था। क्वालकॉम दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन-चिप निर्माता कंपनी है। उसने 44 अरब डॉलर में एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स को खरीदने की पेशकश की थी, जिसके लिए चीन के नियामक ने मंजूरी देने से जुलाई में इनकार कर दिया था। इस तरह से अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से प्रभावित होने वाली वह पहली बड़ी कंपनी थी।
एयरफोर्स वन पर ट्रंप ने कहा कि वह शुल्क पर विराम लगाएंगे। चीन अपनी अर्थव्यवस्था को खोलेगा। चीन शुल्कों का त्याग करेगा। ह्वाइट हाउस ने कहा कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, बौद्धिक संपदा, गैर शुल्क बाधा, साइबर चोरी और कृषि जैसे व्यापारिक मुद्दों पर 90 दिनों में समझौता नहीं होने की स्थिति में दोनों पक्षों में यह सहमति बनी है कि 10 फीसदी के शुल्क को बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया जाएगा।