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सरकार ट्रांसजेंडर सैनिकों के मामले में जल्द फैसला चाहती है : ट्रंप प्रशासन
By Deshwani | Publish Date: 24/11/2018 4:56:31 PM
सरकार ट्रांसजेंडर सैनिकों के मामले में जल्द फैसला चाहती है : ट्रंप प्रशासन

वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने ट्रांसजेंडरों के सेना में शामिल होने पर प्रतिबंध की पेंटागन की नीति पर सुप्रीम कोर्ट से तत्काल फैसला देने की मांग की है। यह एक असामान्य कदम है. हाल के महीनों में चौथी बार ट्रंप प्रशासन ने निचली अदालत को दरकिनार करने की कोशिश की है क्योंकि ट्रंप के कई विवादित प्रस्तावों पर इसने रोक लगा दी थी। सरकार ने विभाजक मुद्दे पर जल्द निर्णय के लिए हाई कोर्ट,जहां कंजरवेटिव जजों की संख्या अधिक है, की शरण ली है।

इस महीने की शुरुआत में प्रशासन ने हाई कोर्ट से राष्ट्रपति के डिफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स कार्यक्रम पर रोक लगाने के मामले में तेजी से फैसला लेने को कहा था। यह कार्यक्रम कम उम्र के शरणार्थियों को उनके देश वापस भेजे जाने से रोकता है। ट्रंप प्रशासन ने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप कर जलवायु परिवर्तन से जुड़े मामले और 2020 की जनगणना में नागरिकता से जुड़ा सवाल जोड़ने के प्रशासन के फैसले को लेकर दायर किए गए एक मुकदमे में सुनवाई रोकने को कहा है। 
 
लिबरल टेक केयर ब्लॉग के प्रकाशक जोशुआ मार्ट्ज ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के लिए संवेदनशील मामला है क्योंकि ट्रंप प्रशासन इसे रणभूमि बनाने के प्रयास में है जिससे निश्चित रूप से जज बचना चाहेंगे। सुप्रीम कोर्ट किसी मामले में शामिल होने के लिए तब तक प्रतीक्षा करता है जब तक अपीली और निचली अदालत इस पर फैसला न सुना दे।
 
इतिहास में इस तरह का एक मशहूर उदाहरण निक्सन प्रशासन का है जब वह पेंटागन पेपर्स का प्रकाशन रोकने के लिए सीधे अदालत गया था। यह पेपर अमेरिका के वियतनाम युद्ध में शामिल होने का गुप्त इतिहास है।
 
वर्ष 2016 में राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान पेंटागन ने सेना में खुलेतौर पर ट्रांसजेंडर की सेवा पर लगी रोक को प्रारंभिक तौर पर समाप्त कर दिया था। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसकी समीक्षा करते हुए इस फैसले पर रोक लगा दी। ट्रंप प्रशासन ने सिर्फ सीमित परिस्थितियों में ट्रांसजेंडर को सेना में काम करने की इजाजत दी। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ निचली अदालतों में कई मुकदमे दायर किए गए हैं।
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