ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
अंतरराष्ट्रीय
श्रीलंका में टूटा गठबंधन, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे बने नए प्रधानमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 27/10/2018 11:47:39 AM
श्रीलंका में टूटा गठबंधन, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे बने नए प्रधानमंत्री

कोलंबो। श्रीलंका में नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने शुक्रवार को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। इससे पहले सिरिसेना की पार्टी ने अचानक से सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था। पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के शपथ ग्रहण के दृश्य मीडिया को जारी किए गए और टीवी चैनलों पर दिखाए गए।

 
इससे पहले सिरिसेना के राजनीतिक मोर्चे यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) ने घोषणा की थी कि उसने मौजूदा गठबंधन सरकार से समर्थन लेने का फैसला किया है। यह गठबंधन यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के साथ था जिसके नेता रानिल विक्रमसिंघे अब तक प्रधानमंत्री थे। कृषि मंत्री और यूपीएफए के महासचिव महिंदा अमरवीरा ने कहा कि यूपीएफए के फैसले से संसद को अगवत करा दिया गया है। राजपक्षे की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिरिसेना ने उनसे अलग होकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था।
 
 
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाने के सिरिसेना के कदम से संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है क्योंकि संविधान में 19वां संशोधन बहुमत के बिना विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाने की अनुमति नहीं देगा। राजपक्षे और सिरिसेना की कुल 95 सीटें हैं और सामान्य बहुमत से पीछे हैं। विक्रमसिंघे की यूएनपी के पास अपनी खुद की 106 सीटें हैं और बहुमत से केवल सात कम हैं।
 
विक्रमसिंघे या यूएनपी की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की पार्टी ने उनके और विक्रमसिंघे के बीच तनाव बढऩे के बीच शुक्रवार को सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया। श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) और यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की गठबंधन सरकार उस समय संकट में आ गई थी जब पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे की नई पार्टी ने फरवरी में स्थानीय चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की थी जिसे सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जनमत संग्रह माना गया।
 
 
पिछले सप्ताह खबर आई थी कि सिरिसेना ने अपने वरिष्ठ गठबंधन साझेदार यूएनपी पर उनकी और रक्षा मंत्रालय के पूर्व शीर्ष अधिकारी गोताभया राजपक्षे की हत्या की कथित साजिश को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया। गोताभया राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई हैं। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS