अंतरराष्ट्रीय
मालदीव : चीन समर्थक यमीन सत्ता छोड़ने में कर रहे आनाकानी, अमेरिका ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
By Deshwani | Publish Date: 15/10/2018 1:28:06 PMमाले। मालदीव में सत्ता का संघर्ष आसानी से सुलझता हुआ नहीं लग रहा है। चीन परस्त माने जाने वाले मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन आसानी से गद्दी छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। हाल में हुए चुनावों में सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए विपक्षी उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भारी जीत दर्ज की थी। नवंबर में सोलिह को राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है, लेकिन यमीन इन चुनाव परिणामों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनकी पार्टी जनादेश को अदालत में चुनौती दे दी है। यमीन को चीन का वफादार माना जाता है। ऐसे में अब यमीन को अमेरिका की चेतावनी मिली है।
मालदीव के चुनावों से भारत और अमेरिका को फिर से इस देश से अपने संबंध मजबूत बनाने का रास्ता दिखाई दिया था। दक्षिण मध्य एशिया में अमेरिका के मुख्य विदेश उप सचिव एलिस वेल्स ने यमीन को साफ साफ इशारा कर दिया है कि वह बिना कोई व्यवधान डाले सोलिह को सत्ता सौंप दें। वेल्स ने सोलिह से मुलाकात के बाद ये बात कही है. ट्विटर पर अमेरिकी प्रवक्ता रॉबर्ट पेलाडीनो ने कहा, जो भी मालदीव में सत्ता हस्तांतरण में बाधक बनेगा, हम उसके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, अब्दुल्ला यमीन मालदीव के लोगों के जनादेश के खिलाफ काम कर रहे हैं। अगर उन्होंने कुछ भी अवैध रूप से किया तो हम उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।
माना जा रहा है कि इस तरह से अमेरिका ने मालदीव के बहाने चीन को इशारा किया है। दरअसल अब्दुल्ला यमीन चीन समर्थक माने जाते हैं। उनके शासन काल में चीन का मालदीव में हस्तक्षेप काफी बढ़ गया था। इस कारण अमेरिका और भारत से मालदीव के रिश्ते भी खराब हो चुके हैं। ऐसे में जब यमीन की हार हुई और सोलिह की जीत हो चुकी है तो अमेरिका ने मालदीव के साथ साथ चीन को भी आंखें दिखा दी हैं।
बता दें कि पिछले महीने हुए चुनाव में मालदीव की जनता ने यमीन की जगह सोलिह को राष्ट्रपति के चुनाव में जीत दिलाई. चुनाव आयोग भी उनकी जीत पर मुहर लगा चुका है. लेकिन यमीन सत्ता छोड़ने का मन नहीं बना रहे हैं. ऐसे में अब अमेरिका ने उन्हें साफ साफ धमकी दे दी है. अमेरिका का कहना है कि, यमीन के हाल के कार्यों से ये इशारा मिला है कि वह गद्दी नहीं छोड़ना चाहते हैं. वह चुनाव परिणाम को सुप्रीम कोर्ट लेकर चले गए हैं. पालडीनो ने कहा जो भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा बनेगा, अमेरिका उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.