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कांगो के डॉ मुकवेगे और यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2018 4:50:37 PM
कांगो के डॉ मुकवेगे और यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया

ओस्लो। विश्वभर के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा के खिलाफ काम करने के लिए कांगो के चिकित्सक डेनिस मुकवेगे और यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को 2018 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए शुक्रवार को चुना गया। नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रेइस एंडरसन ने यहां नामों की घोषणा करते हुए कहा कि इन दोनों को यौन हिंसा को युद्ध के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के इनके प्रयासों के लिए चुना गया है।  दोनों वैश्विक अभिशाप के खिलाफ संघर्ष का उदाहरण हैं। 
 
इससे पहले बुधवार को अमेरिकी वैज्ञानिकों फ्रांसेस अर्नोल्ड और जार्ज स्मिथ तथा ब्रिटिश अनुसंधानकर्ता ग्रेगरी विंटर को रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। चयन मंडल ने कहा कि क्रमविकास के सिद्धांतों का उपयोग कर जैव ईंधन से ले कर औषधि तक, हर चीज बनाने में इस्तेमाल होने वाले एंजाइम का विकास करने के सिलसिले में तीनों वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। 
 
दो अक्टूबर को ‘ऑप्टिकल लेजर’ का आविष्कार करने वाले तीन वैज्ञानिकों को 2018 के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से नवाजे जाने की मंगलवार को घोषणा की गई। इनमें एक महिला भी शामिल हैं और पिछले 55 साल में पहली बार किसी महिला को इस क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला है।  ‘ऑप्टिकल लेजर’ के आविष्कार ने दृष्टिदोष दूर करने वाली नेत्र शल्य चिकित्सा (सर्जरी) में इस्तेमाल किए जाने वाले अत्याधुनिक औजारों को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त किया। 
 
अमेरिका के आर्थर आस्किन (96) को पुरस्कार राशि 10 लाख एक हजार डॉलर का आधा हिस्सा मिलेगा, जबकि शेष रकम फ्रांस के जेरार्ड मोउरो और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड को संयुक्त रूप से मिलेगी। भौतिकी का नोबेल 1901 में शुरू किए जाने के बाद से इस पुरस्कार से नवाजे जानी वाली डोना तीसरी महिला हैं।  वहीं, आस्किन (96) नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे वृद्ध व्यक्ति हैं। इससे पहले एक अमेरिकी अर्थशास्त्री को 90 वर्ष की आयु में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 2007 के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।
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