सीरिया, यमन में युद्ध समाप्त करने में नाकामी पर दुनिया में आक्रोश: संयुक्त राष्ट्र महासचिव
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि सीरिया और यमन में युद्ध खत्म करने, रोहिंग्या शरणार्थी संकट को दूर करने और आतंकवाद से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नाकामी को लेकर दुनिया भर में "आक्रोश" है। उन्होंने कहा कि हथियारों की नयी होड़ शुरू होने का खतरा मंडरा रहा है वहीं जरूरतमंदों के लिए देश अपनी सीमाओं को बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शस्त्रीकरण को लेकर भी दुनिया में चिंताएं बढ़ी हैं। गुतारेस मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 वें सत्र में आम बहस की शुरुआत में विश्व नेताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल उन्होंने अपने संबोधन में सात चुनौतियों पर प्रकाश डाला था और दुखद है कि अब तक उनको हल नहीं किया जा सका है।
उन्होंने कहा कि सीरिया, यमन और अन्य जगहों पर युद्ध खत्म करने में हमारी नाकामी को लेकर आक्रोश है। रोहिंग्या लोग अब भी निर्वासित, पीड़ित और संकट में हैं। अब भी उन्हें सुरक्षा और न्याय की आस है। फलस्तीनी और इस्राइली अब भी संघर्षरत हैं। उन्होंने चिंता जताई कि आतंकवाद का खतरा बरकरार है और इसे कट्टरपंथ और हिंसक अतिवाद से मदद मिल रही है।
आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और लोगों, नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी के साथ अधिक जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि परमाणु संपन्न देश अपने हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। हथियारों की एक नयी दौड़ शुरू होने की आशंका है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि व्यापार को लेकर तनाव बढ़ रहा है और प्रवासी तथा शरणार्थी अपर्याप्त अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के संदर्भ में भेदभाव और विरोधाभास का सामना कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन पर गुतारेस ने कहा कि अस्तित्व के लिए प्रत्यक्ष खतरा है और यदि अगले दो वर्षों में गंभीरता से कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है। गुतारेस ने आगाह किया कि दुनिया ‘‘भरोसे की कमी की समस्या’’ से पीड़ित है और ध्रुवीकरण बढ़ रहा है तथा राष्ट्रों के बीच सहयोग कठिन हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य 193 देशों के नेताओं ने गुतारेस का संबोधन सुना। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी थे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बीच शिखर सम्मेलन की "साहसी पहल" के साथ-साथ प्योंगयांग में दोनों कोरियाई नेताओं की हालिया बैठक से कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की उम्मीद बंधती है। सऊदी अरब में इथियोपिया और एरिट्रिया के नेताओं के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में अराजकता और भ्रम के बावजूद वह दुनिया भर में आशा की किरण को देखकर उत्साहित हैं।