ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
अंतरराष्ट्रीय
भारत को धमकी देने वाले पाकिस्तान के पास बांध बनाने के पैसे भी नहीं, जज और सेना चंदा जुटाने में लगे
By Deshwani | Publish Date: 25/9/2018 11:14:13 AM
भारत को धमकी देने वाले पाकिस्तान के पास बांध बनाने के पैसे भी नहीं, जज और सेना चंदा जुटाने में लगे

लाहौर। भारत को जंग की धमकी दे चुका पाकिस्तान इस समय खुद कंगाली की कगार पर खड़ा है। अरबों रुपए का उसके ऊपर कर्ज है। इसी से निपटने के लिए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे। पाकिस्तान की वित्तीय हालत इस कदर खराब है उसके पास दो जरूरी बांध बनाने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। पाकिस्तान दो बांध मोहमंद और डायमर भाषा बनाना चाहता है। लेकिन उसके पास पैसे की कमी है। इसलिए अब इनके लिए चंदा जुटाने का काम ज्यूडिशरी और सेना कर रही है।
 
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस दिशा में पहल की है। इन दोनों बांध को बनाने की अनुमानित लागत 12।4 अरब डॉलर है। लेकिन सरकार के पास करीब डेढ़ अरब रुपए हैं। सेना भी इस काम के लिए चंदा दे रही है। खुद पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने 100 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। अभी तक इसके लिए 374 करोड़ रुपए जुटा लिए गए हैं।
 
इस सहायता के लिए एक ऑनलाइन पेज बनाया गया है। इस पर एक अकाउंट नंबर दिया गया है। यहां पर पाकिस्तान के लोगों से चंदे की अपील की गई है। पाकिस्तान से बाहर रह रहे लोगों से भी चंदा मांगा जा रहा है। ये अभियान 6 जुलाई को शुरू हुआ था। करीब ढाई महीने में ये रकम 3 अरब से ज्यादा हो गई है।
 
विश्व बांध आयोग के मुताबिक- बड़े बांध बनाने में अनुमानित लागत से 63% ज्यादा पैसा लग जाता है।30 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले मोहमंद का काम 2012 से जारी है। सवा लाख करोड़ रुपए की लागत वाले दायमर-बाशा का काम अभी तक शुरू ही नहीं हुआ है। पाकिस्तान के विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को इस रास्ते से पैसा मिलने में काफी वक्त लगेगा। हालांकि कहना होगा कि एक तिहाई रकम इस चंदे से जुटाई जा चुकी है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS