'पहले आप-पहले आप...' के चक्कर में भारत-पाक के बीच उलझा करतारपुर बॉर्डर खोलने का मुद्दा
लाहौर: पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने पर ये उम्मीद जताई गई थी कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य होंगे। इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान सरकार से गुजारिश की थी कि वह करतारपुर बॉर्डर को खोलने की दिशा में कदम बढ़ाए, पाकिस्तान की ओर से इस बारे में सकारात्मक पहल भी हुई, लेकिन अब इस मामले पर फिर से चुप्पी साध ली गई है।
करतारपुर बॉर्डर अगर खुलता तो ये दोनों देशों के बिगड़े रिश्तों को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होता। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कारिडोर का बड़ा महत्व है। अगर ये कॉरिडोर खुलता है तो वह पाकिस्तान में दरबार साहिब गुरुद्वारा तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
इससे पहले इमरान खान ने कहा था कि भारत एक कदम बढ़ेगा तो हम दो कदम आगे बढ़ेंगे। वहीं रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने एक इंटरव्यू में कहा, भारत उम्मीद करता है कि आतंकवाद पर लगाम लगेगी, इसके बाद किसी तरह के संबंधों पर बात आगे बढ़ेगी। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान भारतीय श्रद्धालुओं को वीजा फ्री एंट्री देने की तैयारी कर रहा है। इस मुद्दे पर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस मामले में अभी पाकिस्तान की ओर से इस मामले में सूचना का इंतजार है। वहीं पाकिस्तान से इस बारे में पूछने पर बताया गया कि उन्हें भारत की ओर से पहल का इंतजार है।
सूत्रों के अनुसार, भारत पहले भी पाकिस्तान से बॉर्डर को खोलने के मु्द्दे पर अपील कर चुका है। अब पाकिस्तान में नई सरकार है, जो चाहती है कि भारत उससे फिर से इस मुद्दे पर बात करे। इससे पहले 2015 में रूस के उफा में पीएम मोदी और पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के बीच इस मुद्दे पर बात हुई थी। तब से इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। इस मु्द्दे पर दोनों पक्ष एक दूसरे का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि हम भारत के रुख का इंतजार कर रहे हैं कि इस मुद्दे पर बातचीत कैसे शुरू हो।