ईरान ने परमाणु समझौते पर यूरोप की निष्क्रियता की आलोचना की, कहा- खामियाजा भुगतना पड़ेगा
तेहरान। ईरान के विदेशी मामलों की रणनीतिक परिषद के प्रमुख कमल खराजी ने रविवार को कहा कि 2015 के ईरान परमाणु समझौते को बचाने के लिए यूरोप के लचर प्रयासों का गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ईरान के पूर्व विदेश मंत्री खराजी ने कहा,"प्रतिबंधों को फिर लागू करना, अमेरिका के दबाव और यूरोप की निष्क्रियता के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।" उन्होंने तेहरान में मध्यपूर्व के ब्रिटेन के मंत्री एलिस्टेयर बर्ट के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। बर्ट ने कहा कि जेसीपीओए पर ब्रिटेन की स्थिति अमेरिका से पूरी तरह अलग है।
बर्ट ने कहा, "हम जेसीपीओए की सफलता के लिए एक यूरोपीय तंत्र बनाने को तत्पर हैं।" उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ईरान के साथ संबंध बढ़ाना चाहता है। ईरान ने अमेरिका के परमाणु समझौते से हटने के बाद ईरान के हितों की रक्षा के लिए यूरोप से व्यावहारिक व ठोस उपाय तत्काल करने का आह्वान किया।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने बुधवार को कहा कि यदि देश के हितों को फायदा नहीं होता और सरकार पर आर्थिक तथा राजनीतिक दबाव बनाया जाता है, तो वह विश्व शक्तियों के साथ अपने परमाणु समझौते को निरस्त कर सकता है। खामेनी की वेबसाइट पर कहा गया कि कैबिनेट के साथ बैठक में सर्वोच्च नेता ने कहा, ‘‘स्वाभाविक है, यदि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि (परमाणु समझौता) हमारे राष्ट्रीय हितों को पूरा नहीं कर रहा है, तो हम इसे दरकिनार कर देंगे।’’
उन्होंने कहा कि समझौते से अमेरिका के हटने के बाद मुद्दे के समाधान के लिए हो रहे यूरोपीय प्रयासों के बावजूद ईरान को यूरोप से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। अमेरिकी प्रतिबंध फिर से लगने के कारण ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की सरकार परेशानियों का सामना कर रही है, क्योंकि विदेशी कंपनियां तेजी से देश छोड़ रही हैं और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने की रूहानी की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं। रूहानी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी उन्हें घेर रहे हैं और संसद ने घोषणा की है कि उनके दो और मंत्रियों पर आगामी दिनों में महाभियोग चलाया जा सकता है।
संसद इस महीने श्रम एवं अर्थव्यवस्था मंत्रियों को बर्खास्त कर चुकी है और उद्योग तथा शिक्षा मंत्रियों पर आगामी दिनों में महाभियोग चलाने के प्रस्ताव स्वीकार किए जा चुके हैं। खामेनी ने कहा कि यह राजनीतिक हलचल ईरान के लोकतंत्र की शक्ति का संकेत है।