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मालदीव के राष्ट्रपति रहे अब्दुल गयूम को 19 महीने की जेल, भारत ने जताई 'गहरी निराशा'
By Deshwani | Publish Date: 14/6/2018 6:30:11 PM
मालदीव के राष्ट्रपति रहे अब्दुल गयूम को 19 महीने की जेल, भारत ने जताई 'गहरी निराशा'

 नई दिल्ली/माले। भारत ने गुरुवार (14 जून) को इस बात पर ‘‘गहरी निराशा’’ जताई कि देश के पूर्व राष्ट्रपति मोमून अब्दुल गयूम और वहां के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को मालदीव की एक अदालत ने ‘‘निष्पक्ष सुनवाई’’ के बगैर जेल की लंबी अवधि की सजा सुनाई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस घटनाक्रम से कानून का शासन कायम रखने की मालदीव की सरकार की प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा होता है। इसके साथ ही वहां सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं।

 
मालदीव के मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अदालत ने 80 वर्षीय गयूम और चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद को न्याय में बाधा डालने का दोषी पाया था और उन दोनों को एक वर्ष सात महीने तथा छह दिन की जेल की सजा सुनाई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा है कि मालदीव की सरकार के लिए भारत अपनी सलाह दोहराता है कि वह गयूम और चीफ जस्टिस जैसे राजनीतिक कैदियों को तत्काल रिहा करे और निवार्चन तथा राजनीतिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बहाल करे।
 
मंत्रालय ने कहा कि मालदीव में राजनीतिक संकट की शुरुआत के समय से भारत मालदीव की सरकार से कहता आ रहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट तथा संसद समेत सभी संस्थानों को स्वतंत्र रूप से काम करने दे और सभी सियासी दलों के बीच ईमानदार राजनीतिक चर्चा की इजाजत दे।
 
 
मालदीव की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति ममून अब्दुल गयूम को पुलिस की जांच में सहयोग नहीं करने पर 19 महीने जेल की सजा सुनायी है। उन पर सरकार का तख्तापलट करने की साजिश रचने के आरोप है। राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम के शासनकाल में गयूम (80) जेल की सजा पाने वाले दूसरे पूर्व राष्ट्रपति हो गए हैं। उन्होंने वर्ष 1978 से 2008 तक हिंद महासागर के इस द्वीपीय देश पर शासन किया था।
 
अपना मोबाइल फोन जांच अधिकारियों को नहीं सौंपने पर एक अदालत ने उन्हें एक साल, सात महीने और छह दिन जेल की सजा सुनायी। गयूम के साथ गिरफ्तार किये गए देश के प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद को भी उसी अपराध के लिए आज (गुरुवार, 14 जून) समान सजा दी गयी।
 
निचली अदालत के फैसले को कथित तौर पर प्रभावित करने के लिए सईद को पूर्व में इसी तरह की जेल की सजा सुनाई गयी थी। गयूम के 30 साल के शासन के खात्मे के साथ मालदीव 2008 में बहुदलीय लोकतंत्र बन गया था। हालांकि, 2013 में चुने गए यामीन ने कई फैसले को पलट दिया था।
 
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