एससीओ समिट: भारत इस समिट की सफलता के लिए पूरा सहयोग देने को प्रतिबद्ध है : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सालाना बैठक में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे। सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान परधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने विदेशी संबंधों के विकास पर जोर दे रहा है। हम पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी परियोजना का स्वागत करते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आतंकवाद से पीड़ित देश अफगानिस्तान का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शांति की तरफ जो कदम उठाए हैं, उनका क्षेत्र में सभी को सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत इस समिट की सफलता के लिए पूरा सहयोग देने को प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एससीओ के सदस्य देशों से महज 6 फीसदी पर्यटक भारत आते हैं, जिसे आसानी से दोगुना किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा, 'हमारी साझा संस्कृति को लेकर जागरूकता बढ़ाने से यह संख्या बढ़ सकती है। भारत में हम एससीओ फूड फेस्टिवल और बौद्ध महोत्सव का आयोजन करेंगे।
सम्मेलन के स्वागत समारोह में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। इससे पहले शनिवार को चिंगदाव पहुंचते ही मोदी ने संघाई समिट से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की थी। इस द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने करीब एक महीने पहले वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच बाढ़ के आंकड़े उपलब्ध कराने और चावल के निर्यात के नियम सरल बनाने को लेकर समझौतों पर दस्तखत हुए थे। पहले समझौते में भारतीय राजदूत गौतम बंबावाले और चीनी उप विदेश मंत्री कोंग शौनयू ने हस्ताक्षर किए। इसके बाद दूसरे समझौते में गौतम बंबावाले और चीनी के मंत्री नी यूफेंग ने दस्तखत किए।