अंतरराष्ट्रीय
छह साल बाद अपने वतन पाकिस्तान लौटीं मलाला युसूफजई
By Deshwani | Publish Date: 29/3/2018 11:05:21 AMइस्लामाबाद। मलाला को 2012 में तालिबान ने लड़कियों के शिक्षा के अधिकार के समर्थन करने के विरोध में सिर में गोली मार दी थी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए लंदन ले जाया गया। तब से वे वहीं रह रही हैं। सबसे कम उम्र में शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाली मलाला यूसुफजई करीब छह साल बाद अपने वतन पाकिस्तान लौटीं। 2 अप्रैल तक यहां रहेंगी। मलाला को देर रात इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पर देखा गया। वे अमीरात EK-614 की फ्लाइट से दुबई होते हुए यहां पहुंचीं। सुरक्षा के लिहाज से उनका यह दौरा बेहद गोपनीय रखा गया।
मलाला यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। इनमें से एक 'मीट द मलाला' भी है। मलाला प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से भी मिल सकती हैं। छोटी सी उम्र में मलाला ने तालिबान के विरूद्ध अभियान शुरू किया था। मलाला पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में स्थित मिंगोरा की रहने वाली हैं।
मलाला ने तालिबान के स्कूल न जाने वाले फरमान के बावजूद लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का अभियान जारी रखा। अक्टूबर 2012 में स्कूल से लौटते वक्त मलाला पर आतंकियों ने हमला किया। उन्हें सिर में गोली मारी गई। उन्हें इलाज के लिए पेशावर फिर लंदन ले जाया गया। वे पूरी तरह ठीक हो गईं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वहीं पूरी की। मलाला को उनकी इस बहादुरी के लिए दुनियाभर में सम्मानित भी किया गया। 2014 में उन्हें भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।