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अमेरिका की संयुक्त राष्ट्र से मांग: उ. कोरिया के मददगार 33 जहाज, 27 कंपनियों पर प्रतिबंध लगे
By Deshwani | Publish Date: 25/2/2018 2:21:11 PM
अमेरिका की संयुक्त राष्ट्र से मांग: उ. कोरिया के मददगार 33 जहाज, 27 कंपनियों पर प्रतिबंध लगे

संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए उसकी मदद करने के लिए विश्व भर के बंदरगााहों के 33 पोतों पर प्रतिबंध लगाने तथा 27 शिपिंग कारोबारों को ब्लैक लिस्ट करने की मांग संयुक्त राष्ट्र से की है। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से यह मांग ऐसे वक्त की है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (23 फरवरी) को उत्तर कोरिया पर अब तक के सर्वाधिक कड़े प्रतिबंध लगाने की घाोषणा की। जापान ने भी 33 पोतों में से तीन पोतों के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन करते हुए उत्तर कोरिया की मदद के वास्ते, प्योंगयांग भेजे जा रहे तेल का एक पोत से दूसरे पोत में स्थानांतरण करने के मुद्दे पर चिंता जताते हुए अमेरिका की मांग का समर्थन किया है।

 
परिषद के सदस्यों के पास प्रस्तावित प्रतिबंधों पर आपत्ति उठाने के लिए शुक्रवार (2 फरवरी) तीन बजे तक का वक्त है और अगर उत्तर कोरिया के सहयोगी चीन सहित कोई सदस्य देश इस अनुरोध को ब्लॉक नहीं करता तो यह प्रतिबंध प्रभावी हो जाएगा। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को धन मिलने से रोकने के वास्ते इसके सामान के निर्यात पर रोक लगाने के लिए परिषद ने पिछले साल अनेक प्रस्ताव स्वीकार किए थे।
 
 
उत्तर कोरिया ने अपने खिलाफ प्रतिबंधों को समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेज की आलोचना की है। उत्तर कोरिया पर परमाणु हथियार कार्यक्रम त्यागने के वास्ते अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए लगाए जाने वाले प्रतिबंधों का संयुक्त राष्ट्र ने समर्थन किया है। इस पर गुटेरेज की आलोचना करते हुए उत्तर कोरिया ने कहा है कि ऐसा लगता है कि विश्व निकाय के महासचिव अमेरिका के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के मिशन ने एक बयान में बीते 23 फरवरी को कहा है कि अगर 70 साल पहले उत्तर कोरिया की स्थापना के साथ शुरू हुई अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीति नहीं होती और अगर इस नीति के चलते परमाणु संबंधी ब्लैकमेल और धमकियां दिनों दिन बढ़ती नहीं, तो कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु मुद्दा होता ही नहीं।
 
इससे पहले अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने बीते 11 फरवरी को कहा कि शीतकालीन ओलंपिक के साथ-साथ दोनों कोरियाई देशों के बीच वार्ता के बावजूद उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिका और दक्षिण कोरिया एकजुट हैं। विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया के ओलंपिक कूटनीति अभियान का मकसद उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को कम करना और दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका के बीच गठबंधन को कमजोर करना है। 
 
पेंस ने दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग में खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के बाद एयर फोर्स टू विमान में संवाददाताओं से कहा था कि वह और राष्ट्रपति मून जेइ इन उत्तर कोरिया के खिलाफ ‘‘मजबूती से खड़े’’ हुए हैं और मिलकर प्रयास कर रहे हैं। पेंस ने अमेरिका रवाना होते हुए कहा, ‘‘उत्तर कोरिया जब तक अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बंद नहीं करता तब तक उसे आर्थिक और कूटनीतिक रूप से  अलग-थलग करने की जरुरत पर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच कोई संदेह नहीं है।’’
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